नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया. खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा को कल रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. कल ही उनका जन्मदिन था. लंबे समय तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं.


मोतीलाल वोरा के परिवार के सदस्यों ने बताया कि कोरोना वायरस के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के बाद यहां एक निजी अस्पतातल में उनका निधन हुआ. वह कुछ हफ्ते पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और कई दिनों तक एम्स में भर्ती रहने के बाद उन्हें छुट्टी भी मिल गई थी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख जताया है.


पीएम मोदी ने कहा कि मोतीलाल वोरा जी उन वरिष्ठतम कांग्रेसी नेताओं में से थे, जिनके पास दशकों का व्यापक प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव था. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना. ओम् शांति:






पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘ मोतीलाल वोरा एक सच्चे कांग्रेसी नेता थे, जिनके पास प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव था. उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के तौर पर सेवा दी. उनके निधन से देश ने एक दिग्गज नेता और बेहतरीन प्रशासक खो दिया है.’’


वहीं सोनिया गांधी ने शोक संदेश में कहा, ‘‘मोतीलाल वोरा के निधन से जो बड़ा खालीपन पैदा हुआ है, उसे भर पाना बहुत मुश्किल है. उनका जीवन जनसेवा और कांग्रेस की विचारधारा के प्रति बेमिसाल प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है.’’


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है.''






भूपेश बघेल ने कहा, ''बाबूजी श्री मोतीलाल वोरा जी का जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे कांग्रेस परिवार के लिए एक अभिभावक के चले जाने जैसा है.''






उन्होंने कहा, ''ज़मीनी स्तर से राजनीति शुरु करके राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और आजीवन एक समर्पित कांग्रेसी बने रहे. उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकेगी.''


प्रियंका गांधी ने कहा, ''मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है. वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे.''





उन्होंने कहा, ''92 साल की उम्र में भी हर मीटिंग में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए. आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं. हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे.''


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री मोतीलाल वोरा का निधन काफ़ी दुःखद है. वे लम्बे समय तक सार्वजनिक जीवन में रहे और अनेक पदों पर उन्होंने काम किया. जब वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल थे तब मुझे भी उन्हें क़रीब से जानने और समझने का मौक़ा मिला.''


उन्होंने कहा, ''वे एक सौम्य एवं अनुभवी राजनेता के रूप में सभी दलों में सम्मान पाते थे. दुख की इस घड़ी में उनके शोकाकुल परिवार और उनके समर्थकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. ॐ शान्ति!''


मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बेहद करीबी थे. साल 2018 में बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेते हुए अहमद पटेल को दी थी. अहमद पटेल का भी पिछले दिनों निधन हो गया था. कांग्रेस के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है.