चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने आज कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर ठुकरा दिया. इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि गहरी जड़ें बना चुकीं संरचनात्मक समस्याओं को परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से ठीक करने के लिए कांग्रेस को मेरी जगह नेतृत्व, सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.


प्रशांत किशोर के इस बयान के बीच पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए नवजोत सिद्धू ने कहा, ‘‘अपने मुराने मित्र पीके के साथ शानदार मुलाकात थी...पुरानी शराब, पुराना सोना और पुराने मित्र सर्वश्रेष्छ होते हैं.’’






कांग्रेस का बयान
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘प्रशांत किशोर की प्रस्तुति और उनके साथ चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह-2024’ का गठन किया और किशोर को निर्धारित जिम्मेदारी के साथ इस समूह का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने इनकार कर दिया. हम उनके प्रयासों और पार्टी को दिए गए सुझावों की सराहना करते हैं.’’


सुरजेवाला की इस टिप्पणी के कुछ देर बाद किशोर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने की कांग्रेस की पेशकश को स्वीकार करने से इनकार किया है.’’


पिछले कई दिनों से किशोर की ओर से दिए गए सुझावों और उनके पार्टी से जुड़ने की संभावना को लेकर कांग्रेस के भीतर लगातार मंथन हो रहा था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किशोर के सुझावों पर विचार के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर मंथन करने के बाद सोमवार को फैसला किया कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के मकसद से एक ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह- 2024’ का गठन किया जाएगा.


गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष पार्टी को मजबूत करने और अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के संदर्भ में विस्तृत प्रस्तुति दी थी. उनके सुझावों पर विचार करने के लिए सोनिया गांधी ने आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था.


 सूत्रों ने बताया कि किशोर ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी चाहिए और इन प्रदेशों में गठबंधन से परहेज करना चाहिए. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अपनी प्रस्तुति में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा था कि कांग्रेस को लगभग 370 लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहिए.


Prashant Kishor: कांग्रेस में शामिल नहीं होने के फैसले के बाद प्रशांत किशोर बोले- पार्टी को मेरी जगह...