अमृतसरः क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में कथित 'काले' कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन की अगुवाई की. कांग्रेस नेता ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर तीन कृषि बिलों को लाने के लिए निशाना साधा और कहा कि ये लोग कृषि समुदाय को बर्बाद कर देंगे.
उन्होंने कहा, "एक और क्रूर बिल इंतजार कर रहा है, जोकि इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल 2020 है." सिद्धू ने कहा, "जब ये लागू हो जाएगा, यह ताबूत की आखिरी कील होगी और पंजाब का कृषि मॉडल बर्बाद हो जाएगा. बिल का मसौदा तैयार है. वे अब इसे लागू करेंगे." उन्होंने कहा, "इस बिल के पास होते ही, केंद्र किसानों को दिए गए सभी ऊर्जा सब्सिडी को वापस ले लेगी."
सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र पंजाब के सफल मंडी मॉडल को बदलकर अमेरिका और यूरोप की तर्ज पर फ्री मार्केट मॉडल में तब्दील करना चाहती है. उन्होंने कहा, "मंडी प्रणाली को समाप्त करने से राज्य के राजस्व पर सालाना 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा."
कृषि बिलों पर आमने -सामने हैं सरकार और विपक्ष
गौरतलब है कि संसद में कृषि से जुड़े तीन बिलों के पारित होने के बाद सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. सरकार दावा कर रही है कि ये कानून किसानों के जीवन में बदलाव लाएगा. उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी. किसानों को आजादी मिलेगी कि वे अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे. वहीं विपक्ष का दावा है कि इससे निजी कंपनियां किसानों का शोषण करेंगी.
न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भी हंगामा मचा हुआ है. सरकार का कहना है कि इस बिल किसानों की एमएसपी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं विपक्ष इस बात पर अड़ी है कि ये किसानों को एमएसपी से बाहर रखने की साजिश है.
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