P Chidambaram on CAA: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ऐलान किया है कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है, तो 'नागरिकता संशोधन कानून' (सीएए) को रद्द कर दिया जाएगा. समाचार एजेंसी पीटीआई से रविवार (21 अप्रैल) को बात करते हुए चिदंबरम ने न सिर्फ सीएए को रद्द करने की घोषणा की, बल्कि उन्होंने ये भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को तमिलनाडु और पुडुचेरी की सभी 40 सीटों पर जीत मिलने वाली है.
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, आरजेडी जैसे दलों ने मिलकर विपक्ष का इंडिया गठबंधन बनाया है. ये सभी दल साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इस साल 11 मार्च को जब देश में सीएए को लागू किया गया तो इन दलों ने इसके खिलाफ जमकर आवाज उठाई थी. कांग्रेस, टीएमसी समेत सभी दलों के विपक्षी नेताओं ने इस कानून को विभाजनकारी बताते सरकार बनने पर सीएए को रद्द करने का वादा किया था.
लोकतंत्र फिर से करना होगा बहाल: चिदंबरम
पी चिदंबरम ने सीएए को लेकर बात करते हुए कहा, "इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर सीएए को रद्द कर दिया जाएगा." उन्होंने देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में लग रही बंदिशों पर भी सवाल उठाया और आरोप लगाया कि लोकतंत्र को हाईजैक किया जा रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा, "पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में गंभीर कमी हुई है. हमें लोकतंत्र को फिर से बहाल करना होगा."
बीजेपी राजनीतिक पार्टी नहीं बची: कांग्रेस नेता
लोकसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान हो चुके हैं. तमिलनाडु और पुडुचेरी में कांग्रेस डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. इसे लेकर चिदंबरम ने कहा, "इंडिया गठबंधन तमिलनाडु की सभी 39 और पुडुचेरी की 1 सीट पर जीत हासिल करेगा." उन्होंने बीजेपी में होने वाली पीएम मोदी की तथाकथित 'भक्ति' को लेकर भी निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कहा, "बीजेपी अब एक राजनीतिक पार्टी नहीं रही है, बल्कि वह नरेंद्र मोदी की पूजा करने वाला एक पंथ बन गई है."
ममता ने भी सीएए रद्द करने की बात
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर सीएए को रद्द करने की बात कही. उन्होंने असम में एक रैली को संबोधित करते हुए बुधवार (17 अप्रैल) को कहा, "अगर इंडिया गठबंधन को जीत मिलती है, तो कोई राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नहीं होगी. हम सभी भेदभावपूर्ण कानूनों को निरस्त करेंगे."
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