‘नाम हिंदी में, मसौदा अंग्रेजी में’, केंद्र के आपराधिक कानून सुधार विधेयक पर बोले पी. चिदंबरम
Criminal Law Revamp: मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन आपराधिक कानून सुधार विधेयक पेश किए जिसके बाद इन्हें स्थायी समिति के पास भेज दिया गया.
P Chidambaram On Revamp Bills: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए लोकसभा में पेश किए गए केंद्र के तीन विधेयकों पर टिप्पणी की. पुडुकोट्टई में पत्रकारों से बात करते हुए, चिदंबरम ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के विधेयकों को हिंदी नाम देने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि (बिलों को) हिंदी नाम नहीं दिए जाने चाहिए. जब अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता है तो उसे अंग्रेजी नाम दिया जा सकता है. अगर हिन्दी का प्रयोग हो तो उसे हिन्दी नाम दिया जा सकता है.”
उन्होंने आगे कहा, “जब कानूनों का मसौदा तैयार किया जाता है तो ये अंग्रेजी में किया जाता है और बाद में इसका हिंदी में अनुवाद किया जाता है... लेकिन उन्होंने विधेयक के कानूनों/प्रावधानों का मसौदा अंग्रेजी में बनाया है और इसे हिंदी नाम दिया है. इसका उच्चारण करना भी मुश्किल है.”
केंद्र ने तीन बिलों के नामों में किया बदलाव
दरअसल केंद्र सरकार ने Indian Penal Code (आईपीसी), Code of Criminal Procedure (सीआरपीसी) और Indian Evidence Act (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के नामों में बदलाव करते हुए इन्हें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक नाम दिया है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने ये भी बताया कि अदालतों में ज्यादातर समय हिंदी के विपरीत अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है और दावा किया कि जब हिंदी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, तब भी न्यायाधीश उनका अंग्रेजी अनुवाद मांगते हैं.
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद तीनों विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है.
ये भी पढ़ें: IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की जगह क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में नए कानून, क्या सुनिश्चित होंगे न्याय और अधिकार, समझें