बुधवार को भारत पहुंचेगा राफेल लड़ाकू विमान, कांग्रेस बोली- स्वागत है, लेकिन...
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि राफेल विमानों का स्वागत है, लेकिन खरीद प्रक्रिया को लेकर मुद्दे हैं.
नई दिल्ली: फ्रांस से भारत के पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था सोमवार को रवाना हो गया. फ्रांस के मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे. बीच में यह विमान फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा हवाईअड्डे पर रुके हैं.
भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. इसी करार पर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे और पार्टी मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले गई थी. जहां उसे कोई सफलता नहीं मिली.
अब कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आने का स्वागत किया है. लेकिन पार्टी ने ये जरूर कहा है कि इन विमानों की खरीद के अनुबंध से संबंधी कुछ मुद्दे हैं जिनको उसने पहले उठाया था.
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि राफेल एक अच्छा लड़ाकू विमान है और खरीद के लिए इसका चयन कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में हुआ था. उन्होंने वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि विमान में कुछ भी गलत नहीं है. जो मुद्दे हैं वो इसके अनुबंध की प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं.
हवा में भरा गया इंधन भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीटों वाले हैं. इन विमानों के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है, जब इन्हें औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में उसके 17वें स्क्वाड्रन के तौर पर शामिल किया जाएगा जिसे ‘गोल्डन ऐरो’ भी कहा जाता है.
वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा गया. इस काम में फ्रांसीसी वायु सेना के समर्पित टैंकर की मदद ली गई. वायुसेना ने एक बयान में कहा, “विमानों के 29 जुलाई को अंबाला में वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने की संभावना है अगर मौसम (परिस्थितियां) सही रहता है तो.”
वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है. भारत को यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है.
वायुसेना को पहला राफेल विमान पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान सौंपा गया था. यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है. यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीएस की मिटोर, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, मीका हथियार प्रणाली राफेल लड़ाकू विमानों के हथियार पैकेज में शामिल है.
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