नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस के युवा नेताओं ने पुराने नेताओं के हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए मुहिम शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में पुराने नेताओं पर इस्तीफों का दबाव बनाने के लिए बतौर अध्यक्ष राहुल गांधी को चाहने वाले पार्टी नेता इस्तीफा दे रहे हैं. इन्हीं नेताओं में से एक प्रताप सिंह बाजवा ने कांग्रेस विदेश विभाग के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है और मांग की है कि सभी सीडब्ल्यूसी सदस्य, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दें.


उन्होंने कहा कि कल सभी मुख्यमंत्री राहुल से मिल रहे हैं, बेहतर होगा कि अपना इस्तीफा साथ लेकर मिलने जाएं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद इस तरह की पहली बैठक है.


राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा, ''अगर हम चाहते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहें तो सबको इस्तीफा देकर राहुल गांधी को पार्टी में बदलाव लाने के लिए खुली छूट देनी होगी.'' उन्होंने कहा, ''हाथ बांध कर अध्यक्ष काम नहीं कर सकता है. जिसे पद पर बनाए रखना होगा बनाए रखेंगे. लेकिन नेतृत्व में भरोसा दिखा कर इस्तीफा तो दें. ये भरोसे का सवाल है.''


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बाजवा ने पूछा कि मुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्षों को डर किस बात की है? उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए क्योंकि उनके अलावा और कोई नहीं जिसके नेतृत्व पर सभी को भरोसा हो. केवल वही कांग्रेस को एकजुट रख सकते हैं. कांग्रेस के सामने अस्तित्व का संकट है.''


प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि चुनाव इंदिरा गांधी भी हारी थीं. अटल बिहारी वाजपेयी भी हारे. चुनाव में हार जीत लगी रहती है. नेता को कार्यकर्ताओं की बात माननी पड़ती है. उम्मीद है कि राहुल अपना फैसला बदलेंगे.


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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने इस्तीफा अस्वीकार करते हुए कहा था कि वह पार्टी से संबंधित कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं.