Congress Accuses Madhabi Buch: सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस एक बार फिर हमलावर है. मंगलवार (03 सितंबर) को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर कई आरोप लगाए. पवन खेड़ा ने आईसीआईसीआई बैंक से रिटायरमेंट के बाद बुच को दी गई राशि पर भी सवाल उठाए हैं.



कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पूछा कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच का सेवानिवृत्ति लाभ आईसीआईसीआई (ICICI) में रहने के दौरान उनके वेतन से अधिक कैसे हो सकता है? इसके साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन आरोपों और सवालों पर सेबी को स्पष्टीकरण देना चाहिए. पवने खेडा बोले, 'देश के कई निवेशकों का भरोसा सेबी चीफ पर लगे आरोपों के बाद से डगमगाया है. जरुरत है कि वो खुद ही इस मामले पर सफाई दें.' 


प्रधानमंत्री मोदी से मांगा जवाब


पवन खेड़ा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Miniter Narendra Modi) को इस मामले में आगे आकर जवाब देना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही माधबी पुरी बुच को सेबी का अध्यक्ष नियुक्त किया. ये जिम्मेदारी उन्हीं की है और अब जवाब दिया जाना चाहिए.'


पवन खेड़ा ने उठाए ये सवाल


पवन खेड़ा ने आईसीआईसीआई के स्पष्टीकरण में कई कथित विसंगतियों पर भी सवाल उठाए हैं. खेड़ा ने कहा, 'बीते कुछ वर्षों में भुगतान में काफी भिन्नता रही है. किसी व्यक्ति का सेवानिवृत्ति लाभ एक कर्मचारी के रूप में उसके वेतन से अधिक कैसे हो सकता है?'


पेंशन पर उठाए सवाल


खेड़ा ने कहा, 'अगर 2014-15 में माधबी पुरी बुच और ICICI के बीच सेटलमेंट हो गया था और 2015-16 में उन्हें ICICI से कुछ नहीं मिला तो फिर 2016-17 में पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई? अब अगर साल 2007-2008 से 2013-14 तक की माधबी पुरी बुच की औसत सैलरी निकाली जाए, जब वो ICICI में थीं, तो वो करीब 1.30 करोड़ रुपए थी लेकिन माधबी पुरी बुच की पेंशन का औसत 2.77 करोड़ रुपए है. ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसमें पेंशन.. सैलरी से ज्यादा है.'


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