Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को गुरुवार (7 सितंबर) को एक साल पूरा हो गया. इस मौके पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने पीसी कर कहा कि आज भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ है. राहुल गांधी की ये यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है. ये यात्रा कभी मणिपुर में दिखाई देती है, तो कभी आजादपुर सब्जी मंडी में और लद्दाख में नजर आती है.
पवन खेड़ा ने भारत या इंडिया नाम के विवाद पर कहा कि ऐसी ताकतें हैं जो अखंड भारत को पसंद नहीं करतीं और इंडिया और भारत के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. हर देशवासी जानता है कि ये ताकतें कौन हैं. ये भारत को इंडिया से लड़ा रहे हैं. सोना हो या गोल्ड, हिंदी में बोलो या अंग्रेजी में कीमत नहीं बदल जाएगी.
"भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास पसीने से लिखा"
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सुनने में आया कि विदेशों की यूनिवर्सिटी में भारत जोड़ो यात्रा पर पीएचडी हो रही है. लोग जानना चाहते हैं कि किस तरह ये यात्रा निकाली गई, इसके क्या मायने थे. भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास स्याही से नहीं लिखा जा सकता, ये पसीने से लिखा गया है. ये तीर्थ यात्रा थी और तीर्थ यात्रा कभी खत्म नहीं होती.
"यात्रा विफल करने के लिए षड्यंत्र किए गए"
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि काफी षड्यंत्र हो रहे हैं, यात्रा के समय भी हुए थे. इसे विफल करने के काफी कोशिश की गई. मीडिया को इसे दिखाने से रोकने का षड्यंत्र रचा गया, लेकिन मीडिया ने यात्रा को दिखाया. ये लोग यात्रा को न विफल कर पाए, न कर पाएंगे.
उदयनिधि स्टालिन के बयान से बनाई दूरी
कांग्रेस ने डीएमके नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी से भी दूरी बना ली है. पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ऐसी टिप्पणियों से बिल्कुल सहमत नहीं है. हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं. किसी धर्म को कमतर नहीं करना चाहिए. संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता. कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है. इंडिया गठबंधन के सभी दल सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.
मोहन भागवत को दी चुनौती
अखंड भारत को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि इन्हें भारत के 15% मुसलमान बर्दाश्त नहीं होते, अखंड भारत में 45% मुसलमान इन्हें बर्दाश्त होंगे? खेड़ा ने भागवत को चुनौती देते हुए कहा कि देश के विभाजन में आरएसएस से जुड़े नेताओं की क्या भूमिका थी उस पर बहस कर लें.
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