प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी की मुलाकात की इनसाइड स्टोरी, क्या साथ आ सकती हैं कांग्रेस और आरएलडी?
UP POLITICS: दिलचस्प बात यह है कि जयंत चौधरी प्रियंका गांधी के साथ चार्टर्ड फ्लाइट में बैठकर दिल्ली लौटे जबकि उनकी टिकट दूसरी फ्लाइट में थी.
UP POLITICS: रविवार शाम लखनऊ एयरपोर्ट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की मुलाकात हुई और दोनों एक साथ चार्टर्ड विमान में दिल्ली लौटे. इस मुलाकात और जयंत के प्रियंका गांधी के साथ चार्टर्ड प्लेन में बैठने को लेकर कयास गर्म है कि क्या विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन कर सकते हैं! लेकिन आरएलडी के उच्च सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की बातचीत अंतिम दौर में है.
प्रियंका और जयंत के बीच राजनीतिक चर्चा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कल गोरखपुर में थीं, वहीं जयंत चौधरी ने लखनऊ में घोषणापत्र जारी किया था. दिल्ली लौटने के लिए दोनों नेता लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे थे जहां उनकी मुलाकात हुई. प्रियंका गांधी के साथ दीपेंद्र हुड्डा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे. सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. गठबंधन की संभावनाओं से इंकार नहीं करते हुए कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि प्रियंका और जयंत के बीच राजनीतिक चर्चा भी हुई और बातचीत काफी अच्छी रही. जबकि आरएलडी सूत्रों ने राजनीति चर्चा से भी इंकार किया और साफ किया है कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा. दोनों नेताओं में दुबारा मिलने पर भी सहमति बनी.
एक ही विमान में दोनों नेता दिल्ली लौटे
बात केवल मुलाकात तक सीमित नहीं रही. दिलचस्प बात यह है कि जयंत चौधरी प्रियंका गांधी के साथ चार्टर्ड फ्लाइट में बैठकर दिल्ली लौटे जबकि उनकी टिकट दूसरी फ्लाइट में थी. जयंत जिस फ्लाइट से लौटने वाले थे उसी में अखिलेश यादव भी सवार थे. इस घटनाक्रम पर आरएलडी के एक नेता ने बताया कि अखिलेश यादव के उसी फ्लाइट में होने की जानकारी नहीं थी. प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल और दीपेंद्र हुड्डा से जयंत चौधरी की बातचीत होने लगी और इस दौरान लखनऊ की एक मशहूर दुकान से चाट मंगवाई गई. चाट की डिलवरी में वक्त लग रहा था और इस दौरान जयंत की फ्लाइट का समय हो रहा था. इसपर कांग्रेस नेताओं ने खास तौर पर बघेल ने जयंत से चार्टर्ड से साथ चलने का अनुरोध किया और वो मान गए.
RLD की समाजवादी पार्टी से बातचीत
आरएलडी के सूत्रों ने बताया कि गठबंधन को लेकर राष्ट्रीय लोकदल की समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत चल रही है इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन की गुंजाइश नहीं है. सूत्रों ने यह भी बताया कि जयंत चौधरी मानते हैं कि फिलहाल कांग्रेस के पास जनाधार नहीं है ऐसे में कांग्रेस के साथ गठबंधन में कामयाबी मुश्किल है. यह बात जयंत पहले ही कांग्रेस नेतृत्व तक पहुंचा चुके हैं.
बहरहाल आरएलडी और समाजवादी पार्टी के बीच सबकुछ सामान्य भी नहीं है. कांग्रेस छोड़ कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले जाट नेता हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मालिक को अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर सीट देने का वादा किया है. इससे जयंत चौधरी नाखुश हैं. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन में सीटों की संख्या को लेकर भी बात तय नहीं हो पाई है. ऐसे में राजनीति में कुछ भी संभव के मुहावरे के मद्देनजर माना जा सकता है कि अगर अखिलेश यादव के साथ जयंत की बात बिगड़ी तो पश्चिमी यूपी में नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकते हैं. वैसे ही इस इलाके में किसान आंदोलन के कारण राजनीतिक हवा बदली हुई है.