प्रियंका गांधी ने लिखा, 'कानून-व्यवस्था समाज में शांति स्थापित करने, अपराधी को सुधार के लिए दंडित करने और हर नागरिक को जीवन जीने का मौका देने की बुनियाद पर टिकी होती है. अपवाद छोड़कर, अदालत के आदेश के बिना ली गई हर जान सिर्फ और सिर्फ हत्या है. खबरों में आए आंकड़ों के अनुसार पिछले सात साल में यूपी में हुए लगभग 13,000 एनकाउंटर से क्या प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधर गई? अपराध तो रुक नहीं रहे हैं. फिर इसका मकसद क्या है? यह खेल किसलिए खेला जा रहा है? यह असंवैधानिक काम बंद होना चाहिये और जितने एनकाउंटर सवालों और संदेह के घेरे में हैं, उन सबकी न्यायिक जांच की जानी चाहिये.'
अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर डकैती केस में यूपी एसटीएफ की कार्रवाई पर कहा, 'सबसे कमजोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं. किसी का भी फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी है.' अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'हिंसा और रक्त से उत्तर प्रदेश की छवि धूमिल करना भविष्य के लिए एक बड़ा षड्यंत्र है. आज के सत्ताधारी जानते हैं कि वो भविष्य में फिर कभी वापस नहीं आएंगे, इसलिए वो जाते-जाते उत्तर प्रदेश में ऐसे हालात पैदा कर देना चाहते हैं कि यहां कोई निवेश ही ना करे. उत्तर प्रदेश की जागरूक जनता ने जिस तरह लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया है, भाजपाई उसी का बदला ले रहे हैं.'
मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह ढेर
यूपी एसटीएफ ने सर्राफा व्यापारी की दुकान पर डकैती मामले में मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. अनुज पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह डकैती के बाद से फरार चल रहा था. पुलिस कई दिनों से उसकी तलाश में जुटी थी. एसटीएफ ने उन्नाव के अचलगंज में उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. अनुज प्रताप सिंह अमेठी का रहने वाला था. वह सुल्तानपुर डकैती कांड का सरगना बताया जा रहा है, उसे घटना के मुख्य आरोपी विपिन सिंह का सबसे करीबी गुर्गा बताया जाता है. विपिन भी अमेठी का रहने वाला है. विपिन ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है.
विपिन के साथ अनुज प्रताप सिंह गुजरात के डकैती कांड में भी शामिल था. एनकाउंटर में ढेर हुए अनुज पर दो मुकदमे दर्ज हैं. इसमें से एक मुकदमा सुल्तानपुर तो दूसरा गुजरात में दर्ज है।बता दें कि ज्वेलरी शॉप में सबसे पहले घुसने वाला अनुज ही था. अनुज ने ही शोरूम में बैठे दुकानदार भरत सोनी और उनके बेटे को पिस्तौल से धमकाया था. इसके बाद पलक झपकते ही अन्य आरोपी दुकान के अंदर घुसे और सारा सामान अपने साथ लेकर बाइक से चल दिए. इस डकैती कांड में कुल 14 बदमाश शामिल थे. इसमें 11 पर शिकंजा कसा जा चुका है, जबकि तीन अभी-भी फरार हैं. फरार चल रहे फुरकान, अरबाज और अंकित यादव पर एक लाख रुपये का इनाम है.
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