उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. पार्टी को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली है. हार के क्या कारण रहे, इसे लेकर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव पर समीक्षा बैठक ली.  कांग्रेस के वॉर रूम में हुई इस समीक्षा बैठक में यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी मौजूद रहे. प्रियंका गांधी ने कहा कि हमको पूरी ईमानदारी से इन चुनावों की समीक्षा भी करनी है और आगे की रणनीति भी बनानी है. 


इससे पहले रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी शिकस्त के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की थी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक पार्टी मुख्यालय में चार घंटे से अधिक समय तक चली थी. बैठक में सोनिया गांधी के अलावा, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कई अन्य नेता शामिल हुए.


इसमें ‘जी 23’ समूह के नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक भी शामिल हुए.इस बैठक से एक दिन पहले मीडिया के एक हिस्से में खबर आई थी कि गांधी परिवार पार्टी के पदों से इस्तीफे की पेशकश कर सकता है, हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस खबर का खंडन करते हुए इसे गलत बताया था.


 कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर की आंतरिक कलह पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के उस बयान से एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़कर किसी दूसरे नेता को मौका देना चाहिए. सिब्बल की इस टिप्पणी के बाद गांधी परिवार के नेतृत्व में विश्वास रखने वाले नेताओं ने उन पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भाषा बोल रहे हैं.


वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सिब्बल पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बयानबाजी करने की बजाय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहिए.


खेड़ा ने कहा, ‘‘कपिल सिब्बल, डॉक्टर हर्षवर्धन (भाजपा नेता) ने आपसे नहीं कहा था कि चांदनी चौक से अलग हो जाइए. वह चुनाव लड़े और आपको पराजित किया. जो लोग कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहते हैं वह मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बोलने की बजाय पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.’’ खेड़ा का संकेत दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हर्षवर्धन की ओर से सिब्बल को शिकस्त देने की ओर था.


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