दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई जबकि नवंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर का यह आंकड़ा 5.54 फ़ीसदी था. इसका मतलब ये है कि दिसंबर 2019 में खाने पीने की चीजों की महंगाई दर 14.12 फीसदी हो गई. जानकारों का कहना है कि खुदरा महंगाई दर बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह खाने पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी है.


इसी को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया- सब्जियां, खाने पीने की चीजों के दाम आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं. जब सब्जी, तेल, दाल और आटा महंगा हो जाएगा तो गरीब खाएगा क्या? ऊपर से मंदी की वजह से गरीब को काम भी नहीं मिल रहा है. भाजपा सरकार ने तो जेब काट कर पेट पर लात मार दी है.





खुदरा महंगाई दर बढ़ने से आपके बजट पर कैसे पड़ेगा असर? समझिए


महंगाई से परेशान है जनता


अगर महंगाई दर के रिकॉर्ड की हम बात करें तो जुलाई 2014 में महंगाई दर का आंकड़ा 7.39 फीसदी था. जुलाई 2014 के बाद पहली बार महंगाई का आंकड़ा दिसंबर 2019 में 7.35 फ़ीसदी का रहा है. खाने पीने की चीजों में भी सबसे ज्यादा इजाफा सब्जियों की कीमतों में देखने को मिल रहा है. प्याज, आलू और टमाटर के दाम लगातार बड़े हैं. इसके चलते ही महंगाई दर पर काबू रख पाना मुश्किल हो गया है.


अर्थवयवस्था को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर हैं प्रियंका गांधी


प्रियंका ने ट्वीट किया- उप्र के गन्ना किसानों को भाजपा ने सबसे बड़ा झांसा दिया है. एक तरफ गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया जा रहा. दूसरी तरफ उनसे वादा करके भी गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया जा रहा. मैंने गन्ने का मूल्य बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था उसका भी कोई जवाब नहीं आया.





जनता महंगाई से बेहाल, सरकार बोली- बाद में बात करेंगे


इससे पहले उन्होंने लिखा था- दावा था कि सबके अच्छे दिन लाएंगे, लेकिन इन्होंने तो देश का ही खजाना खाली कर दिया है. भाजपा सरकार इधर देश का खजाना चंद पूँजीपतियों को सौंप रही है और दूसरी तरफ आम इंसान के रोजगार, काम-धंधे और रोजी-रोटी पर हमला कर रही है.





प्रियंका ने इससे पहले ट्वीट किया था- अर्थव्यवस्था की हालत पहले से खराब है और अब भाजपा सरकार धीरे-धीरे रेलवे जैसी वर्षों की धरोहर को अपने मित्रों को बेंचने जा रही है. हमारे सार्वजनिक उद्यम लाखों-करोड़ों कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा हैं. आज भाजपा अपनी जेब गरम करने के लिए कर्मचारियों की मेहनत की उपेक्षा कर रही है.





एक हफ्ते पहले भी उन्होंने ट्वीट के माध्यम से सरकार पर निशाना साधा था और लिखा था- अर्थव्यवस्था पर भाजपा सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए था लेकिन अब अर्थव्यवस्था सुधारने का मामला ठंडे बस्ते में बंद है. जीडीपी वृद्धि के अनुमान बताते हैं हालात ठीक नहीं हैं. इसका सबसे ज्यादा असर व्यापार, गरीबों, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों और रोजगार पर पड़ रहा है सरकार की तरफ से कोई भी भरोसे लायक कार्यवाही नहीं हो रही है.