Priyanka Gandhi In Himachal: हिमाचल प्रदेश में आने वाले कुछ समय में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इसी को देखते हुए बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीते 8 दिनों में दो बार पीएम मोदी (PM Modi) प्रदेश का दौरा कर चुके हैं. वहीं अब कांग्रेस (Congress) भी 'मिशन हिमाचल' को लेकर पूरी तरह से तैयार दिख रही है. शुक्रवार (14 अक्टूबर) को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगी.
14 अक्टूबर को वह राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान की भी शुरुआत करेंगी, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहे हैं. शुक्रवार को वह पहले दोपहर करीब 12 बजे मां शूलिनी मंदिर में दर्शन करेंगी और उसके बाद पार्टी की परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगी.
45 सीटों पर उम्मीदवार फाइनल
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने अब तक 45 सीटों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप दिया है और शिमला (शहरी), ठियोग (शिमला), पछड़ (सिरमौर), शाहपुर, धर्मशाला, नूरपुर और सुलह (कांगड़ा) और भरमौर (चंबा) जैसी विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के बारे में फैसला करने के लिए पार्टी में खींचतान चल रही है.
कांग्रेस के सामने 5 बड़ी चुनौतियां
- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने वैसे तो कई चुनौतियां हैं, लेकिन मुख्य तौर पर देखा जाए तो पार्टी में अभी भी अंदरूनी कलह खत्म नहीं हुआ. हाल के दिनों में ही पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और एक अनुभवी नेता हर्ष महाजन बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस छोड़ने पर महाजन ने कहा, "राज्य, जिला या निर्वाचन क्षेत्र के स्तर पर कोई दिशा नहीं होने के कारण युवाओं का मनोबल और मोहभंग हो गया था"
- कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में 45 उम्मीदवारों के नाम अब तक फाइनल कर लिए हैं, लेकिन बहुत सी सीटें ऐसी भी हैं, जहां पार्टी में खींचतान देखने को मिल रही है. शिमला (शहरी), ठियोग (शिमला), पछड़ (सिरमौर), शाहपुर, धर्मशाला, नूरपुर और सुलह (कांगड़ा) और भरमौर (चंबा) जैसी विधानसभा सीटों पर अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
- एक तरफ जहां कांग्रेस अभी भी अपने नेताओं की आपसी खींचतान को सही करने में लगी है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने मिशन हिमाचल की शुरुआत भी कर दी है. बीजेपी ने अपने शीर्ष नेताओं को हिमाचल की ड्यूटी पर लगा दिया है. बीते 8 दिनों में दो बार पीएम मोदी हिमाचल का दौरा कर चुके हैं. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 26 सितंबर को हिमाचल पहुंचे थे. इसी के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 17 सितंबर को महिला मोर्चा को संबोधित किया था.
- कांग्रेस के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर विधानसभा चुनाव के वक्त करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल उठाना और उनमें जोश भरना पार्टी नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसकी वजह ये है कि हर तरफ मिली निराशा और लगातार पार्टी नेताओं को छोड़ते जाने की वजह से कार्यकर्ताओं के मन में निराशा का भाव है.
- कांग्रेस के लिए चुनौतियों में से एक आम आदमी पार्टी का लगातार बढता दायरा है. पहले दिल्ली और उसके बाद पंजाब में गहरी जड़ें जमा चुकी आम आदमी पार्टी की अब दूसरे राज्यों पर नजर है. वे लगातार हिमाचल और गुजरात में चुनाव प्रचार कर रही है.
हिमाचल में क्या बोले पीएम मोदी?
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल दौरे पर थे. यहां उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "हिमाचल प्रदेश के पास डबल इंजन सरकार की ताकत है. इस डबल इंजन की ताकत ने हिमाचल के विकास को डबल तेजी से आगे बढ़ाया है. डबल इंजन की सरकार का काम करने का तरीका अलग है. इस सरकार की प्राथमिकता लोगों के काम को आसान बनाना है."
'जनजातीय लोगों का विकास बीजेपी की प्राथमिकता'
पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल के लिए शांता जी को और धूमल जी को अपनी जिंदगी खपाते देखा है. जब भाजपा के नेताओं को हिमाचल के अधिकार के लिए दिल्ली में जाकर गुहार लगानी पड़ती थी, आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन दिल्ली में सुनवाई नहीं होती थी. उन्होंने कहा कि सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का फैसला ये दिखाता है कि बीजेपी सरकार जनजातीय लोगों के विकास को कितनी प्राथमिकता दे रही हे.
ये भी पढ़ें- वर्ल्ड बैंक ने कहा- भारत ने गरीबों को लाभ पहुंचाने में डिजिटलीकरण का अच्छा लाभ उठाया, वैश्विक मंदी का भी किया जिक्र