नई दिल्लीः गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से लगातार इस घटना पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी दल इसे सुनियोजित घटना बता रहे हैं और इस एनकाउंटर को नेताओं और पुलिसकर्मियों के साथ विकास दुबे के संबंधों को बचाने वाला बता रहे हैं. कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस एनकाउंटर पर उंगली उठाई है और कहा है कि इस घटना के बावजूद अपराध को संरक्षण देने वालों का क्या होगा.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर पूछा सवाल
विकास दुबे का शुक्रवार 10 जुलाई की सुबह कानपुर जिले में एनकाउंटर हो गया. उज्जैन से बीती रात यूपी पुलिस की एसटीएफ की टीम उसे लेकर कानपुर आ रही थी और शुक्रवार सुबह पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद उसने भागने की कोशिश की और इस दौरान हुई मुठभेड़ में वो मारा गया.
वहीं एसटीएफ के बताए घटनाक्रम पर लगातार विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, “अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?”
नेताओं और पुलिसकर्मियों से मिलीभगत का आरोप
3 जुलाई की घटना के बाद से ही विकास दुबे के यूपी के कई नेताओं और पुलिसकर्मियों के साथ मिलीभगत और संरक्षण के मामले उजागर हो रहे थे. बीजेपी के 2 सांसदों के साथ उसकी तस्वीर आई थी, जबकि एक पुराने वीडियो में वो बीजेपी के दो विधायकों के साथ अपने संबंधों की बात कर रहा था.
इसके अलावा चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी के साथ भी उसके संबंधों की बात आई थी, जिसके बाद तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था. आरोप है कि तिवारी ने ही मुखबिरी की थी.
इससे पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी आरोप लगाया कि ये एनकाउंटर सरकार को पलटने से बचाने के लिए किया गया है.
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