(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Agniveer Scheme: क्या अग्निवीरों को लेकर राहुल गांधी का दावा सही? इस रिपोर्ट ने चौंकाया
Agniveer Scheme: रक्षा मंत्रालय ने रेगुलर और अग्निवीर को कैटेगरी में बांट दिया है. जो नौकरी के दौरान जान गंवा देते हैं उन सैनिकों को ए से लेकर ई तक पांच श्रेणियों में रखा गया है.
न्यूज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अग्निवीर लैंडमाइन ब्लास्ट में शहीद हुआ मैं उसे शहीद कह रहा हूं. मगर भारत सरकार उसे शहीद नहीं कह रही है. उन्होंने कहा था कि एक को पेंशन और शहीद का दर्जा मिलेगा, जबकि, दूसरे को नहीं मिलेगा. इस पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी गलत बयानबाजी कर रहे हैं.
जानिए रेगुलर सैनिक और अग्निवीर को किन कैटेगरी में बांटा?
रक्षा मंत्रालय ने रेगुलर और अग्निवीर को कैटेगरी में बांट दिया है, जो नौकरी के दौरान जान गंवा देते हैं उन सैनिकों को ए से लेकर ई तक पांच श्रेणियों में रखा गया है. वहीं, अग्निवीर को A, Y, Z कैटेगरी में रखा गया है. अब कैटेगरी की बात करें तो कैटेगरी A यानी रेगुलर और कैटेगरी X यानी अग्निवीरों में वह कैजुअल्टी शामिल है, जो कि सैन्य सेवा के कारण नहीं होती. वहीं, वह मौत जो आर्मी सर्विस के बजाय अन्य वजहों से हुई हैं, उन्हें B और C कैटेगरी पर रखा गया है. इनमें सैन्य सर्विस के कारण होने वाली मौतें शामिल है. इसके साथ ही इसमें वे एक्सीडेंट भी शामिल हैं, जो ड्यूटी के दौरान हुए हो. वहीं, अग्निवीर के लिए यह मौत Y कैटेगरी में शामिल है.
इंश्योरेंस का पैसा अग्निवीर और रेगुलर को मिलता समान
इस दौरान रेगुलर सैनिकों को काफी रियायतें मिलती हैं, जिसमें रेगुलर जवान के लिए कैटेगरी Z, D और E में आने वाली मौतें है, जिनमें या तो हिंसा शामिल है या कोई नेचुरल कैजुलिटी है. रेगुलर सैनिकों को हर महीने इतने रुपए आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड को देने होते हैं, जबकि, अग्निवीर को 8 लाख का इंश्योरेंस मिलता है. मगर, रेगुलर जवान की तरह अग्निवीर को कोई कंट्रीब्यूशन अपनी सैलरी के लिए नहीं करना पड़ता है. यानी प्रीमियम का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता है. कुल मिलाकर इंश्योरेंस का यह पैसा रेगुलर सैनिक और अग्निवीर दोनों को दोनों के ही परिवारों को मिलता है.
रक्षा मंत्रालय ने बैंकों के साथ कर रखा है करार
बता दें कि, रक्षा मंत्रालय ने बैंकों के साथ करार किया हुआ है. यानि कि एमओयू साइन किया हुआ है दोनों की ही सैलरी डिफेंस सैलरी पैकेज के अंडर क्रेडिट की जाती है. जहां दोनों का इंश्योरेंस बैंक अपनी पॉलिसी के मुताबिक करता है. वहीं, बात करें ग्रेजियुटी पर अग्निवीर जिनकी मौत सैन्य सेवा के कारण या ऑपरेशन के दौरान हुई है, उन्हें 44 लाख का मुआवजा मिलता है.
अग्निवीर और रेगुलर जवानों को ऑपरेशन में मिलते 8 लाख
वहीं, राज्य सरकारों द्वारा दिए जानें वाले एक्स ग्रेशिया तो यह 0 से 1 करोड़ के बीच हो सकता है. ये राज्यों पर निर्भर करता है फिर चाहे, अग्निवीर हो या रेगुलर के लिए जो भी लागू हो. इसके साथ ही एक और प्रावधान है एडिशनल राशि का अतिरिक्त राशि का. जिसमें अग्निवीर और रेगुलर जवानों को ही दोनों को ही ऑपरेशन के दौरान मौत के अलग से 8 लाख मिलते हैं.
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