Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार (2 सितंबर) को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बस कर्मचारियों के हालात को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि डीटीसी बस ड्राइवर भारी मन से पूछ रहे हैं कि अगर वे पक्के नागरिक हैं, तो उनकी नौकरी कच्ची क्यों है. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्चुअल मजदूरी ने एक बड़ी जिम्मेदारी के काम को मजबूरी के मुकाम पर पहुंचा दिया है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी हैं.


राहुल गांधी लगातार समाज के हर तबके के लोगों से जाकर मुलाकात कर रहे हैं. कभी उन्हें किसी मोची से जाकर मिलते देखा जाता है तो कभी वह कुली से मिलते हैं. पिछले हफ्ते बुधवार (28 अगस्त) को वह दिल्ली में डीटीसी बस ड्राइवरों से मिले. इस दौरान उन्होंने ड्राइवरों के साथ-साथ कंडेक्टर्स के साथ भी बात की. इसकी तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें वह उनसे चर्चा करते और उनका हाल जानते हुए देखे गए. राहुल ने डीटीसी बस का सफर भी किया और कंडक्टर्स से उनकी परेशानियों को जाना. 


सामाजिक सुरक्षा-स्थिर आय नहीं: राहुल गांधी


कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कुछ दिनों पहले दिल्ली में एक सुखद बस यात्रा के अनुभव के साथ डीटीसी कर्मचारियों से संवाद कर उनके दिनचर्या और समस्याओं की जानकारी ली. न सामाजिक सुरक्षा, न स्थिर आय और न की स्थाई नौकरी. कॉन्ट्रैक्चुअल (संविदा) मजदूरी ने एक बड़ी जिम्मेदारी के काम को मजबूरी के मुकाम पर पहुंचा दिया है."






निजीकरण के डर के साए में जी रहे डीटीसी वर्कर्स: राहुल गांधी


राहुल गांधी ने कहा, "जहां ड्राइवर्स और कंडक्टर्स अनिश्चितताओं के अंधेरों में जीने पर विवश हैं. वहीं यात्रियों की सुरक्षा में निरंतर तैनात होमगार्ड्स 6 महीनों से वेतनहीन हैं. इस उपेक्षा से त्रस्त, देशभर के सरकारी कर्मचारियों की तरह डीटीसी वर्कर्स भी लगातार निजीकरण के डर के साए में जी रहे हैं. ये वो लोग हैं जो भारत को चलाते हैं, प्रतिदिन लाखों यात्रियों के सफर को सुगम बनाते हैं - मगर समर्पण के बदले उन्हें कुछ मिला है तो सिर्फ अन्याय."


उन्होंने आगे कहा, "मांगें स्पष्ट हैं - समान काम, समान वेतन, पूरा न्याय! वो भारी मन और दुखी दिल से सरकार से पूछ रहे हैं, हम नागरिक पक्के तो नौकरी कच्ची क्यों!"


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