Rahul Gandhi on Paper Leak: संसद में एक बार फिर से पेपर लीक का मुद्दा उठा है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है. परीक्षा सिस्टम में धांधली की गई है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई. राहुल ने कहा कि मेरा शिक्षा मंत्री से सवाल है कि आप इस मुद्दे को हल करने के लिए क्या कर रहे हैं?
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल ने कहा कि पेपर लीक को लेकर सिर्फ नीट के संबंध में ही बात नहीं हो रही है, बल्कि ये सारी परीक्षाओं की बात है. यह एक गंभीर विषय है. शिक्षा मंत्री सबको दोषी मान रहे हैं, लेकिन खुद को नहीं. उन्होंने इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या किया है? राहुल के इस बयान पर शिक्षा मंत्री भड़क गए और उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद ने पूरे एग्जामिनेशन सिस्टम को फालतू करार दिया है. इससे दुर्भाग्यपूर्ण बयान नहीं हो सकता है.
धर्मेंद्र प्रधान जब तक शिक्षा मंत्री, तब तक नहीं मिलेगा न्याय: अखिलेश यादव
दरअसल, संसद में नीट पेपर लीक को लेकर चर्चा हो रही थी. इस दौरान कन्नौज से सांसद और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाने वाली है. अगर धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री रहते हैं तो छात्रों को न्याय नहीं मिलने वाला है. इस शिक्षा मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि नीट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मैं इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहता हूं. अखिलेश के यूपी के सीएम रहते कितने पेपर लीक हुए हैं, इसकी भी सभी को जानकारी है.
एग्जामिनेशन सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी है, सब जानते हैं: राहुल गांधी
पेपर लीक पर गरमाए माहौल के बीच राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर बोलने की इच्छा जाहिर की और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें इसकी इजाजत दी. राहुल खड़े हुए और उन्होंने कहा, "हमारे एग्जामिनेशन सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी है, ये बात सारा देश जानता है. ये सिर्फ नीट की बात नहीं है, बल्कि सभी एग्जाम में ऐसा है. शिक्षा मंत्री ने खुद को छोड़कर सभी की कमियां गिनाई हैं. मुझे लगता है कि शिक्षा मंत्री ये चीज नहीं समझ पा रहे हैं, यहां पर मूल रूप से चल क्या रहा है."
राहुल गांधी ने शिक्षा मंत्री से पूछा ये सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, "देश में लाखों छात्र ऐसे हैं, जो वर्तमान हालात को लेकर चिंतित हैं. वे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि भारत का एग्जामिनेश सिस्टम फर्जी है. लाखों लोगों को लगता है कि अगर आप अमीर हैं तो आप भारत के एग्जामिनेशन सिस्टम को खरीद सकते हैं. विपक्ष को भी यही लगता है. यही वजह है कि हम शिक्षा मंत्री से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं." राहुल ने शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए कहा, "अगर ये व्यवस्थागत समस्या है तो फिर आप इसे ठीक करने के लिए क्या कर रहे हैं?"
2010 के बिल का जिक्र कर शिक्षा मंत्रा ने राहुल को दिया जवाब
राहुल के सवाल को सुनकर शिक्षा मंत्री भड़क गए. उन्होंने कहा, "स्पीकर महोदय मुझे जो शिक्षा, संस्कार मिले हैं और मेरा जो सामाजिक जीवन है. इसे लेकर मुझे मेरे राज्य और मेरी जनता की स्वीकृति मिली है. मुझे किसी से मेरे बौद्धिक और संस्कार का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनकर भेजा है. मैं उनकी वजह ये यहां सदन में जवाब दे रहा हूं. चिल्लाने से कोई भी बात सच नहीं हो जाएगी. कहा गया कि देश का एग्जामिनेशन सिस्टम फालतू है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण बयान कुछ नहीं हो सकता है."
शिक्षा मंत्री ने कहा, "मैं कुछ बातें रखना चाहता हूं. जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलाई हैं. 2010 में कांग्रेस पार्टी के नेता रहे कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार के लिए तीन बिल लाए थे. इसमें से एक बिल था- 'प्रॉहिबिशन ऑफ अनफेयर प्रैक्टिस बिल, 2010'- जिसका मकसद एजुकेशन में धांधली को बंद करना था. हमारी सरकार ने अभी हाल ही में नकल को रोकने के लिए कानून बनाया है. कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष की क्या मजबूरी थी कि उन्होंने उस बिल को पास नहीं किया. क्या एजुकेशन माफिया के दबाव में ऐसा नहीं किया गया."
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