गुवाहाटी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि असम को नागपुर (आरएसएस मुख्यालय) नहीं चलाएगा, असम को आरएसएस के चड्डी वाले नहीं चलाएंगे. कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी की रैली में राहुल गांधी ने कहा, ''हम बीजेपी और आरएसएस को असम की हिस्ट्री (इतिहास), भाषा, संस्कृति पर आक्रमण नहीं करने देंगे. असम को नागपुर नहीं चलाएगा, असम को आरएसएस के चड्डी वाले नहीं चलाएंगे. असम को असम की जनता चलाएगी.''


राहुल गांधी के बयान पर राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचार राकेश सिन्हा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी देश की राजनीति के विमर्श और संस्कृति और भाषा  को न्यूनतम स्तर पर ले जा रहे हैं. वे गाली गलौज वाली भाषा का उपयोग कर राजनीति के स्तर को गिरा रहे हैं. आरएसएस पर उनका बयान इसका ताजा उदाहरण है.''


राहुल गांधी ने कहा, ''असम समझौते की भावना को समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, जिस कारण शांति आई है.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे आशंका है कि बीजेपी की नीतियों के कारण असम हिंसा के रास्ते पर लौट रहा है.


उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में हुए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ''बीजेपी जहां भी जाती है, नफरत फैलाती है. असम में युवा विरोध कर रहे हैं, अन्य राज्यों में भी विरोध हो रहा है. आप उन्हें क्यों मार रहे हैं? बीजेपी लोगों की आवाज नहीं सुनना चाहती.''


इससे पहले राहुल ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह नोटबंदी से बड़ा झटका होगा जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा.


पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से अलग राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कहा, ''ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है. इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है. नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा. इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं. लेकिन उनके जो 15 दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. "


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