नई दिल्ली: किसान संगठनों और सरकार के बीच आज हुई आठवें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. अब 15 जनवरी को किसान संगठन और सरकार बातचीत करेंगे. इसको लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!.
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने पूँजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है. आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं. अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी माँगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है.
बता दें कि किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 44 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. इस गतिरोध को खत्म करने के लिए आज किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक हुई.
इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेताओं के साथ वार्ता में कोई फैसला नहीं हुआ है. किसान संगठनों ने नये कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग का कोई विकल्प नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि सरकार तब तक कुछ नहीं कर सकती, जबतक कि किसान संगठन नये कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग का विकल्प नहीं देते हैं.
तोमर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि किसान संगठनों के नेता 15 जनवरी को अगले दौर की वार्ता में चर्चा के लिए विकल्पों के साथ आएंगे, कानूनों को निरस्त करने का सवाल ही नहीं उठता है.
वहीं किसान यूनियन के नेता जोगिन्दर सिंह उग्राहां ने कहा कि बैठक बेनतीजा रही, हम कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ नहीं चाहते हैं. सरकार हमारी ताकत की परीक्षा ले रही है, हम झुकेंगे नहीं, ऐसा लगता है कि हम लोहड़ी, बैसाखी उत्सव यहीं मानएंगे.
किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक भी रही बेनतीजा, अगली बैठक 15 जनवरी को होगी