नई दिल्लीः भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद से लगातार तनाव बना हुआ है. साथ ही देश के अंदर राजनीतिक दल भी इस घटना पर सवाल उठा रहे हैं. अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवाल पूछा है कि बिना हथियारों के जवानों को ऐसे हालात में भेजने का जिम्मेदार कौन है.
पिछले लगभग डेढ़ महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे तनाव के बीच 15 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों में खूनी टकराव हुआ, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. अहम बात ये थी कि दोनों पक्षों की ओर से इस संघर्ष में गोली नहीं चली बल्कि पत्थर, रॉड जैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ.
'बिना हथियारों के क्यों भेजा गया?'
ऐसे में इतनी संवेदनशील स्थिति में बिना पारंपरिक हथियारों के भारी संख्या में जवानों की शहादत ने इस ओर ध्यान खींचा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसी मुद्दे पर सवाल खड़ा किया.
राहुल ने अपना एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें उन्होंने सवाल पूछा, “चीन ने हिंदुस्तान के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके बहुत बड़ा अपराध किया है. मैं पूछना चाहता हूं कि इन वीरों को बिना हथियार के खतरे की ओर किसने और क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है?”
घटना के 2 दिन बाद गुरुवार 18 जून को एक तस्वीर सामने आई जिसने LAC पर हुई वारदात में चीनी सेनाओं की साजिश की ओर इशारा किया. दरअसल चीनी सैनिकों ने जिस रॉड से भारतीय जवानों पर कायराना हमला किया था, उसमें बहुत सारी कीलें और कटीली तार लगी हुई थीं.
दरअसल, 1996 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था. इसके मुताबिक, भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक गोली नहीं चला सकते और इसलिए LAC पर अक्सर सैनिक बिना हथियारों के रहते हैं.
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