नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन लगातार 41वें दिन जारी है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की.


उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की उदासीनता और अहंकार के कारण किसान आंदोलन के दौरान 60 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है.


राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों की जान ले ली. किसानों के आंसू पोंछने के बजाय यह सरकार उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है. इस तरह की क्रूरता सांगगांठ वाले पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए है.’’





सोमवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक हुई. इस बैठक से भी कोई नतीजा नहीं निकला. अब आठ जनवरी को फिर बैठक होगी. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए.


सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.


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