चंडीगढ़: पंजाब में अगले साल की शुरुआत में चुनाव है. लेकिन कांग्रेस में जारी तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. राहुल गांधी के घर पर गुरुवार को रात 10 बजे से 2 बजे तक बैठक चली, जिसमें पंजाब में नए मंत्रिमंडल पर चर्चा हुई. इस हाईलेवल मीटिंग में राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मौजूद थे.


पंजाब के नए मुखिया ने पदभार संभाल लिया है. उनके साथ दो डिप्टी सीएम भी हैं लेकिन कैबिनेट कैसी होगी. इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. दिल्ली में बैठा हाईकमान जानता है कि सिर्फ सीएम चुनने से काम खत्म नहीं हो गया, बल्कि कैबिनेट गठन सबसे ज्यादा जरूरी है. क्योंकि इसमें विरोध की आवाजें उठने की सबसे ज्यादा आशंका है.


कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर आलाकमान चुप
पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी खासतौर पर कैबिनेट गठन पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाए गए हैं. ये मीटिंग उस वक्त हो रही है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार पार्टी हाईकमान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू पर हमलावर हैं. हाईकमान जानता है कि अमरिंदर सिंह पर सवाल उठाने से गलत संदेश जा सकता है. इसलिए राहुल-प्रियंका को अनुभवहीन बताने वाले बयान पर पार्टी ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है.


कांग्रेस भले ही अमरिंदर सिंह पर कुछ बोलने से बच रही हो, उनसे बयान वापसी की की उम्मीद जता रही हो. लेकिन विपक्षी पार्टियों को तो मुद्दा मिल ही गया है. क्योंकि कैप्टन का इतिहास बताता है कि वो बयान वापस ले लें, ये उनकी आदत में नहीं.


5 महीने के भीतर पंजाब में विधानसभा चुनाव है. इन चुनावों में कांग्रेस के लिए कैप्टन के बयान सिरदर्द साबित हो सकते हैं और साथ ही विपक्षी पार्टियों को भी कांग्रेस की इस आपसी लड़ाई से मुद्दा मिल गया है. जिसे सुलझाना कांग्रेस के लिए बहुत जरूरी है. साथ ही कैबिनेट का गठन भी करना है जिसके बाद ही असली तस्वीर साफ होगी.


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