पायलट की बगावत के बीच राहुल गांधी का बयान- "जिसे जाना है, जाएगा! पार्टी छोड़ कर जाने वालों से घबराने की जरूरत नहीं"
राहुल गांधी का यह बयान तब आया है जब कांग्रेस के अंदर से ही कई नेताओं ने सचिन पायलट को लेकर सहानुभूति दिखाई है. लेकिन राहुल का बयान पार्टी के सख्त रुख के अनुकूल ही आया है.
नई दिल्ली: राजस्थान में सचिन पायलट समेत लगभग डेढ़ दर्जन कांग्रेस विधायकों की बगावत के बीच कांग्रेस छोड़ कर जाने वाले नेताओं को लेकर राहुल गांधी का कड़ा रुख सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जिसे जाना है जाएगा, पार्टी छोड़ कर जाने वालों से डरने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी छोड़ कर जाने वालों से घबराने की जरूरत नहीं है, उल्टे ऐसे लोग युवा पीढ़ी के लिए रास्ते खाली कर रहे हैं. बैठक में मौजूद विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक राहुल ने कहा, "जिसे जाना है, वो जाएगा."
इस बैठक में राहुल गांधी के साथ एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, प्रभारी रुचि गुप्ता और राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल भी मौजुद रहे, जो फिलहाल राजस्थान के राजनीतिक संकट के बीच जयपुर में हैं.
इधर एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने एक ट्वीट कर कहा है कि मीटिंग में राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. उन्होंने मीडिया में चल रहे राहुल के बयान को आधारहीन बताया. रुचि ने अपने ट्वीट में कहा, "आज राहुल गांधी जी के साथ हुई एनएसयूआई की मीटिंग को लेकर मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स चल रही हैं. मैं ये साफ कर देना चाहती हूं कि सभी रिपोर्ट्स आधारहीन हैं. ये एनएसयूआई की आंतरिक मीटिंग थी और हमने सिर्फ छात्रों और नौजवानों के मुद्दे पर बातचीत की."
राहुल गांधी का यह बयान तब आया है जब कांग्रेस के अंदर से ही कई नेताओं ने सचिन पायलट को लेकर सहानुभूति दिखाई है. लेकिन राहुल का बयान पार्टी के सख्त रुख के अनुकूल ही आया है. कांग्रेस नेतृत्व ने सचिन को मनाने की कोशिश तो की लेकिन जब सचिन जिद पर अड़े तो कार्रवाई करने में देर नहीं लगाई.
सूत्रों के मुताबिक खुद राहुल गांधी ने भी सचिन से बात की. लेकिन पहले कार्रवाई और अब दो टूक बयान देकर राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वह किसी नेता के दबाव में नहीं आने वाले. सचिन के बगावत के बावजूद राजस्थान में कांग्रेस ने फिलहाल अपनी सरकार तो बचा ली है लेकिन पार्टी की खूब किरकिरी हुई है. इस हालात के लिए कई लोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कमी को कारण मानते हैं.
कुछ महीनों पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी उपेक्षा का आरोप लगा कर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी चली गई.
अब अशोक गहलोत सरकार में उपेक्षा का आरोप लगाकर सचिन पायलट और उनके डेढ़ दर्जन विधायक दिल्ली-एनसीआर में जमें हुए हैं. मनाने के लिए राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने सचिन पायलट से बात की. मान-मनौवल की कोशिशें नाकाम रहने के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया. उनके गुट के मंत्रियों को भी पद से हटाया गया गया और सचिन समेत सभी बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कांग्रेस अभी भी सचिन पायलट और उनके कैम्प के विधायकों को बिना शर्त साथ आने की अपील कर रही है. दूसरी तरफ सचिन कह रहे हैं कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनके घर वापसी की संभावना भी कम लग रही है.
जहां तक एनएसयूआई की बैठक की बात है तो सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने कहा कि आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था के हालात काफी खराब होंगे. राहुल ने कहा कि उन्होंने फरवरी की शुरुआत में ही आर्थिक सुनामी की चेतावनी दे दी थी, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. राहुल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बिगड़ते हालात की वजह कोरोना तो है ही साथ ही इसके पीछे मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबन्दी जैसे फैसले और गलत तरीके से लागू किया गया जीएसटी है. राहुल गांधी ने कांग्रेस के छात्र संगठन के नेताओं को आने वाले दिनों में मुश्किलों में फंसे लोगों की मदद करने को कहा.
एनएसयूआई लगातार केंद्र सरकार से मांग कर रही है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर कॉलेजों की सभी परीक्षाएं रदद् की जाए. इसको लेकर एनएसयूआई ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर 'स्पिक अप इंडिया' अभियान चलाया. राहुल गांधी ने इस अभियान की तारीफ की और छात्रों की आवाज उठाते रहने के निर्देश दिए.
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