नितिन गडकरी ने जिस मुद्दे पर लिखी थी अपनी ही सरकार को चिट्ठी, अब राहुल गांधी ने उसी पर केंद्र को घेरा
GST on Health and Life insurance: जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
GST on Health and Life insurance: विपक्ष ने केंद्र सरकार से जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर से 18 प्रतिशत जीएसटी को वापस लेने की मांग को उठाया. इसको लेकर विपक्ष ने मंगलवार (6 अगस्त) को विरोध प्रदर्शन भी किया. विपक्ष के सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार के सामने इसको लेकर प्रदर्शन किया.
इसी बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर से 18 प्रतिशत जीएसटी को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार की असंवेदनशील सोच का प्रमाण है.
राहुल गांधी ने किया विरोध
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जीवन में आने वाले 'स्वास्थ्य संकट' में किसी के आगे झुकना ना पड़े, इसलिए पाई-पाई जोड़ कर हर साल हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने वाले करोड़ों आम हिंदुस्तानियों से भी मोदी सरकार ने ₹24 हज़ार करोड़ वसूल लिए. हर आपदा से पहले 'टैक्स का अवसर' तलाशना भाजपा सरकार की असंवेदनशील सोच का प्रमाण है. INDIA गठबंधन इस अवसरवादी सोच का विरोध करता है. स्वास्थ्य और जीवन बीमा को GST मुक्त करना ही होगा.
इमरान प्रतापगढ़ी ने भी उठाए सवाल
इसको लेकर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "सरकार ने स्वास्थ्य बीमा और दवाइयों पर जो GST लगा रखी है उससे आम जनमानस बहुत परेशान है. नितिन गडकरी(केंद्रीय मंत्री) भी इसके लिए पत्र लिख चुके हैं. सरकार के अंदर भी इस बात के लिए बहुत विरोध है. पूरा विपक्ष आज इसके लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है. सरकार को आम आदमी को राहत देनी पड़ेगी."
बता दें कि इस मुद्दे को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सदन में उठाया था. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है.
नितिन गडकरी ने भी लिखा था पत्र
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीवन बीमा एवं चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर से 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को हटाने का अनुरोध किया था. उन्होंने अपने पत्र में नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ की चिंताओं को उठाया था.