कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने उन्हें यह बताते हैं कि वे ओपन चर्चा नहीं कर सकते. राहुल ने कहा कि बीजेपी के सांसद उनसे कहते हैं कि उन्हें बता दिया जाता है कि क्या बोलना है. ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ मंगलवार की शाम को ऑनलाइन चर्चा के दौरान कहा कि राहुल ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
राहुल गांधी ने एक बार फिर से न्यायपालिका, प्रेस जैसी संस्थाओं की कमजोरी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- “इसके बिना कुछ उम्मीद करना फैंटेसी होगी. संसद में मेरा माइक बन्द कर दिया जाता है, टीवी पर नहीं दिखाया जाता.”
राहुल बोले- ऑटोक्रेसी से ज्यादा हालत खराब
विदेशी संस्था की तरफ से भारत को एलेक्टरोल ऑटोक्रेसी कहे जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल ने कहा कि हमें उनसे स्टाम्प नहीं चाहिए लेकिन बात सही है. स्थिति उससे भी बुरी है.
राहुल ने दावा किया कि आधुनिक तकनीक से अगर आप व्हाट्सएप, फेसबुक कंट्रोल करते हैं तो वोट कंट्रोल करने की जरूरत नहीं है, आप वैसे ही नैरेटिव कंट्रोल करते हैं. भारत में फेसबुक की प्रमुख बीजेपी से है. कांग्रेस की एक लड़की फेसबुक में गई तो उसकी छुट्टी कर दी गई.
राहुल ने मुस्लिम ब्रदरहुड की तुलना आरएसएस से की. उन्होंने कहा- चुनाव तो गद्दाफी और सद्दाम हुसैन भी करवाते थे. राहुल से पूछा गया कि 2018 के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में बहुमत मिलने के बाद भी लोकसभा में कांग्रेस वैसा प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाई?
थोड़े असहज होते हुए राहुल ने कहा- “मुझे समझ नहीं आता कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के बाद लोकसभा चुनाव में केवल दो सीटें कैसे आईं, राजस्थान में बहुमत के बाद शून्य सीट कैसे आई! दरअसल उत्तर भारत में जबरदस्त ध्रुवीकरण हुआ. बीजेपी ने जमकर पैसा बहाया. फेसबुक उनके नियंत्रण में है. मीडिया प्रधानमंत्री को 24*7 दिखाती है, किसी और नेता को नहीं. ये वजहें रहीं.”
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