कांग्रेस की ‘न्याय यात्रा’: रैली को सशर्त मंजूरी, अभियान छेड़ बोले राहुल- लेकर रहेंगे इंसाफ...सहो मत, डरो मत!
Rahul Gandhi on Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस इस यात्रा को मणिपुर के इंफाल से निकालना चाहती थी पर उसे इसे पैलेस ग्राउंड से करने की मंजूरी नहीं दी गई. पार्टी ने दावा किया कि राज्य सरकार डर गई थी.
Rahul Gandhi on Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर में सशर्त मंजूरी मिलने के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार (11 जनवरी, 2024) को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत लोगों को न्याय योद्धा बनाने के लिए अभियान छेड़ा. सोशल मीडिया पर इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की, जिसके बाद उन्हें ट्रोल करने की कोशिश भी की गई. माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर यूजर्स के एक धड़े ने उन्हें फर्जी शिवभक्त करार दिया और इस बात पर घेरा कि सनातन विरोधी लोगों को कहीं भी जमीन (2024 के आम चुनाव के संदर्भ में) नहीं मिलेगी.
केरल के वायनाड से पार्टी के सांसद ने एक्स पर पोस्ट में लिखा था, "अब तो ले के रहेंगे न्याय...सहो मत, डरो मत! भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़ें, +91 9891802024 पर मिस्ड कॉल करें और बनें न्याय योद्धा." गांधी ने कांग्रेस की न्याय यात्रा में हिस्सा लेने वाले लोगों को न्याय योद्धा बताया है. यह रहा Rahul Gandhi का X पोस्टः
"जिन कर्मों पर Congress, उसे देखकर लगता है कि..."
गांधी के इस पोस्ट के बाद एक्स यूजर्स भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे. @PrinceAnand007 के हैंडल से कहा गया कि बाबर को मानने वालों से और उम्मीद ही क्या हो सकती है? @dwivedi_ji12 ने कमेंट किया, "आप जैसे सनातन विरोधियों को अब यहां पर जमीन नहीं मिलेगी. आप सिर्फ फर्जी शिवभक्त बने घूम रहे हैं." @PrinceAnand007 नाम के अकाउंट से कहा गया कि जिन कर्मों पर कांग्रेस चल रही है, उसे देखकर ऐसा लगता है कांग्रेस का अस्तित्व ही खतरे में आ जाएगा. कांग्रेसियों में अधिकतर विदेशी खून है. स्वदेशी खून न होने का असर तो ये दिखाएंगे ही.
Ram Mandir के उद्घाटन का न्योता ठुकराने के संदर्भ में आए कमेंट्स
हालांकि, कई यूजर्स ऐसे भी रहे जिन्होंने इस दौरान राहुल का समर्थन किया और उम्मीद जताई कि अब न्याय होकर रहेगा. वैसे, सोशल मीडिया यूजर्स की ऐसी टिप्पणी तब आई हैं, जब ठीक एक रोज पहले बुधवार को कांग्रेस की ओर से राम मंदिर के उद्घाटन से जुड़े निमंत्रण को ठुकरा दिया गया था. पार्टी ने कहा था कि उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अंतरिम चीफ सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस ने दावा किया था कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का आयोजन है. साथ ही ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है.