नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में प्रशासक की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों का लगातार विरोध हो रहा है. अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लक्षद्वीप में प्रशासक मुद्दे को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है. उन्होंने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री इस मामले में दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि इस केंद्र-शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के आदेशों को वापस लिया जाए.


उन्होंने यह आरोप लगाया कि पटेल की ओर से मनमाना ढंग से किए गए संशोधनों और घोषित 'जन विरोधी नीतियों' के कारण लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरा पैदा हो गया है. कांग्रेस नेता ने लक्षद्वीप में विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा, 'लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन का मसौदा इस बात का सबूत है कि प्रशासक की ओर से लक्षद्वीप की पारिस्थितिकी शुचिता को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है.'


उन्होंने दावा किया कि इस मसौदे के प्रावधान लक्षद्वीप में भू स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं, कुछ निश्चित गतिविधियों के लिए पर्यावरण संबंधी नियमन को कमतर करते हैं और प्रभावित लोगों के लिए कानूनी उपायों को सीमित करते हैं. 


"शराब की बिक्री पर रोक हटाना लक्षद्वीप की संस्कृति पर हमला"
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि असामाजिक गतिविधि रोकथाम नियमन, लक्षद्वीप पशु संरक्षण नियमन में बदलाव और शराब की बिक्री पर रोक हटाना लक्षद्वीप के स्थानीय समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक तानेबाने पर हमला है. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, 'आप इसमें दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों को वापस लिया जाए.'


इससे पहले कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की थी. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति से यह भी कहा है कि प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को रद्द किया जाए.


आखिर क्या है लक्षद्वीप प्रशासक मुद्दा
खबरों के मुताबिक, मसौदा नियमनों के तहत लक्षद्वीप से शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है. इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. लक्षद्वीप की अधिकतर आबादी मछली पालन पर निर्भर है, लेकिन विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिए हैं.


उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेता प्रशासक पटेल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के ‘भ्रष्ट चलन’ को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं. अब्दुल्लाकुट्टी लक्षद्वीप में बीजेपी के प्रभारी भी हैं.


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