नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टर और फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ संवाद किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ने हमसे कई अपनों को छीना है. मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं.


भावुक पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की सेकेंड वेव में हमारे हेल्थ सिस्टम पर बहुत बड़ा दबाव पैदा हुआ. डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के परिश्रम से हम इस चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं.


अब इसको लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने कहा कि देश को अपराध बोध के आंसू नहीं, एक उदार हृदय शासक चाहिए, जो कर्तव्य निभाए. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''शासक को आँसुओं की सहानुभूति जुटाने की बजाय..., करोड़ों परिवारों की पहाड़ सी मुसीबतों और लाखों परिजनों के खोने के बिछोह पर मरहम लगाना ही ‘राज धर्म’ भी है और ‘देश सेवा’ भी !''


पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों से स्थिति को संभालने में काफी हद तक मदद मिली है लेकिन यह संतोष का समय नहीं है और एक लंबी लड़ाई लड़नी है.


ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ‘‘जहां बीमार, वहीं उपचार’’ का नारा दिया और छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाकर काम करने पर बल दिया.


कोरोना की दूसरी लहर में टीकाकरण से हो रहे फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘टीके की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे अग्रिम मोर्चा पर तैनात कर्मी सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं. यही सुरक्षा कवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा. हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है. अभी हमें ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है. कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और एएनएम बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है. मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए.’’