नई दिल्ली: कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज के दूसरे चरण के एलान के बाद केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आज किए गए एलानों को “खोदा पहाड़, निकला जुमला” करार दिया. सुरजेवाला ने एक ट्वीट के ज़रिए कहा, "श्रीमती निर्मला सीतारमन के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ- “खोदा पहाड़, निकला जुमला.”



आज राहत पैकेज के दूसरे चरण का लेखा जोखा पेश करते हुए वित्त मंत्री ने 9 एलान किया. आज मज़दूरों, छोटे किसानों, प्रवासी मज़दूरों, शहरी गरीबों समेत कई क्षेत्रों के लिए मदद की घोषणा की गई. इसके साथ ही प्रवासी मज़दूरों को अगले दो महीने तक बिना राशन कार्ड के मुफ्त राशन देने का भी एलान हुआ.


वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card)
वित्त मंत्री की ओर से बताया गया कि राशन बांटने में तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का एलान किया. इसके तहत राशन कार्ड धारक देश के किसी हिस्से में भी कि अपने राज्य में बने राशन कार्ड से अपने हिस्से का राशन आसानी से ले सकेंगे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुए ये बड़े एलान
प्रवासी मजदूर, छोटे किसान, स्ट्रीट वेंडर आदि के लिए कुल 9 घोषणाएं की जा रही हैं आज.

3 करोड़ किसानों के लिए जो 4,22,000 करोड़ के कृषि ऋण का लाभ दिया गया है, उसमें पिछले तीन महीनों का लोन मोरटोरियम है. ब्याज पर सहायता दी है.


25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिसकी लिमिट 25000 करोड़ होगी.


कृषि ऋण के लिए ब्याज पर सहायता और त्वरित भुगतान के लिए निर्धारत अवधि को 1 मार्च 2020 से बढ़ाकर 31 मई 2020 किया जा रहा है.


मार्च 1 से 30 अप्रैल के बीच 86 हज़ार 600 करोड़ रुपये के 63 लाख लोन जारी किए गए.


मार्च 2020 में नाबार्ड में सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों की मदद के लिए 29 हज़ार 500 करोड़ रुपये सहायता के लिए दिए गए.


राज्यों को कृषि उत्पादन की खरीद के लिए मार्च 2020 से अब तक 6700 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी दी गई है.


वित्त मंत्री ने बताया कि देश भर में एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है कि जो प्रवासी मजदूर जहां हैं अगर वो चाहें तो वहां पर भी अपने आप को रजिस्टर कराकर वहां काम ले सकते हैं.


शहरी गरीबों के लिए एलान
राज्यों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष से खर्च की इजाजत दी गई. केंद्र सरकार ने राज्यों को 11002 करोड़ रुपए SDRF को मजबूत करने के लिए दिए गए. इससे शेल्टर बनाए गए, जिसमें तीन समय का भोजन उपलब्ध कराया गया.


12 हज़ार स्वयं सहायता समूह ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सेनेटाइजर का उत्पादन किया गया.


15 मार्च के बाद से 7200 हज़ार नए स्वयं सहायता समूह बनाये गए.


मनरेगा मज़दूरों के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
14.62 करोड़ कार्य दिवस का काम 13 मई 2020 तक उपलब्ध कराया गया है.10 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुआ है.


मज़दूरो को 2.33 करोड़ मज़दूरो को मनरेगा के तहत काम दिया गया.


पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत अधिक लोगों को काम दिया गया.


पिछले साल के मुकाबले दिए जाने वाले पारिश्रमिक को 185 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है.


कॉर्पोरेट बैंक और ग्रामिण बैंक के लिए एलान
कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल ग्रामिण बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया. ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई.


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के एलान के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रोजाना प्रेस कॉनफ्रेंस कर आर्थिक पैकेज का लेखा जोखा पेश कर रही हैं.


बुधवार को वित्त मंत्री ने जो एलान किए वो करीब 6 लाख करोड़ रुपये की कुल कीमत के थे और रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई और सरकार के पहले के किए गए एलानों को मिला दें तो करीब 7 लाख करोड़ रुपये के कदम उठाए जा चुके हैं. इस तरह देखा जाए तो अब तक करीब 13 लाख करोड़ रुपये के एलान किए जा चुके हैं.