कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लेकर कहा कि उन्होंने वैभव को टिकट दिलाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की थी. सचिन पायलट ने दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी वैभव गहलोत को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे, फिर भी मैंने वैभव की पैरवी कर उन्हें टिकट दिलाया.


सचिन पालयट ने कहा कि वैभव ने महासचिव के तौर पर संगठन में मेरे साथ काम किया है. उन्होंने कहा, "मैंने दिल्ली में टिकट को लेकर भी उनकी पैरवी की थी...दिल्ली में राहुल और सोनिया गांधी टिकट देने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन मैंने वैभव की पैरवी करके टिकट दिलवाया...इससे पहले भी वैभव ने टिकट मांगा था, लेकिन आलाकमान ने नहीं दिया था मौका."


गौरतलब है कि वैभव गहलोत ने 2019 का लोकसभा चुनाव जोधपुर से लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा था कि सचिन पायलट को वैभव की हार की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. बाद में सचिन पायलट ने गहलोत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था.


जून 2019 में एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए अशोक गहलोत ने कहा था, ''सचिन पायलट को जोधपुर सीट पर मिली हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.'' वैभव गहलोत को बीजेपी के नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2.7 लाख वोट से हराया था. मुख्यमंत्री ने तप कहा था, ''पायलट साहेब ने कहा था कि मेरा बेटा वैभव जोधपुर से बड़े अंतर से जीतेगा. इस लोकसभा क्षेत्र में हमारे छह विधायक हैं और हमारा चुनावी प्रचार वहां शानदार था. इसलिए मुझे लगता है कि पायलट को कम से कम इस सीट की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. जोधपुर सीट का पूरा पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए कि आखिर हम वहां जीते क्यों नहीं?''


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