नई दिल्ली: राजस्थान में राजनीतिक संकट के पटाक्षेप के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें आश्वस्त किया है कि तीन सदस्यीय समिति का गठन किसी खानापूर्ति के लिए नहीं हो रहा है. उन्होंने फिर से उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलों पर कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसे किसी पद पर कोई काम करूंगा.
उन्होंने विश्वास भी जताया कि उनके एवं समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर फैसला करने में यह समिति तीन या छह महीने जैसा कोई लंबा समय नहीं लेगी, बल्कि इससे बहुत पहले निर्णय हो जाएगा.
साथ ही, पायलट ने कहा कि उनकी तरफ से कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष किसी पद की कोई मांग नहीं रखी गई है, लेकिन पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वो पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे.
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सोमवार को पायलट की मुलाकात के बाद राजस्थान का सियासी संकट खत्म हो गया. पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुद्दों के समाधान के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है.
नेतृत्व के सामने उठाए ये मुद्दे
पायलट ने कहा, ‘‘हम कुछ मुद्दों को लेकर दिल्ली आए थे. पहला यह था कि देशद्रोह के मामले में मुझे नोटिस जारी किया गया. मुझे लगा कि वो अनुचित कदम था. इसको लेकर लोग अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए दिल्ली आए थे. इसके बाद पदों से हटाना, मामले दर्ज करना, एसओजी की जांच, ऐसे कई घटनाक्रम हुए जिससे मामला बढ़ता चला गया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमलोगों के जो मुद्दे थे वो काम करने के तौर-तरीके को लेकर थे. यह विषय हम पार्टी के समक्ष रखना चाहते थे. किसी के कार्यप्रणाली के खिलाफ कुछ बोलते हैं तो वो न तो देशविरोधी है और न ही पार्टी के खिलाफ है. मुझे खुशी है कि पार्टी ने मुद्दों का संज्ञान लिया है और इनको समयबद्ध तरीके से हल करने एक रोडमैप तैयार किया है.’’
सुलह में क्यों लगा इतना वक्त?
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘हमारा मुद्दा व्यक्तिगत नहीं है, सैद्धांतिक हैं.’’ यह पूछे जाने पर कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचने में इतना लंबा समय क्यों लगा तो पायलट ने कहा, ‘‘जिनको राजस्थान और दिल्ली के बीच सेतु का काम करना चाहिए, जिस निष्पक्षता से अपनी बात रखनी चाहिए, उन्होंने वो नहीं किया.’’
सचिन पायलट ने कहा, ‘‘ आत्मसम्मान से समझौता करना पड़े, और लोगों के काम नहीं कर पाएं तो फिर पद का क्या फायदा है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों ने पहले दिन स्पष्ट कर दिया था कि हम कांग्रेस, संगठन और पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ नहीं बोलेंगे और आज तक नहीं बोले. आज जहां हम खड़े हैं वहां से हमारी बात सही साबित हुई है.’’
राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन से जुड़े सवाल पर पायलट ने कहा कि नेतृत्व के बारे में और दूसरी सारी मांगों के बारे में पार्टी ने सुना है और इसीलिए समिति का गठन हो रहा है. उम्मीद है कि इसके परिणाम जल्द आएंगे.
मुद्दों के समाधान की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल जी और प्रियंका जी दोनों ने कहा कि यह समिति खानापूर्ति के लिए नहीं बनाई जा रही है और इसमें गंभीर लोग बैठकर निर्णय लेंगे. मुझे विश्वास है कि यह महत्वपूर्ण समिति का गठन किया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से कोशिश हुई है कि समस्या की जड़ में जाकर मुद्दों को सुलझाया जाए. ’’
यह पूछे जाने पर कि वह तीन महीने-छह महीने, कितने समय तक निर्णय होने की उम्मीद कर रहे हैं तो पायलट ने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत जल्दी हो जाएगा. इतना (तीन-छह महीने) लंबा नहीं खिंचेगा.’’
राष्ट्रीय संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने की अटकलों पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने लिए कोई मांग नहीं रखी है. मैंने 20 वर्षों से पार्टी के लिए काम किया है. पार्टी जो भी निर्णय लेगी उसे स्वीकार करेंगे. ’’
क्या फिर बनेंगे डिप्टी सीएम?
यह पूछे जाने पर कि क्या वह फिर से उप मुख्यमंत्री बनेंगे तो पायलट ने कहा, ‘‘ऐसी मैंने कोई मांग नहीं रखी है. मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसे किसी पद पर कोई काम करूंगा. पार्टी का जो भी निर्णय होगा स्वीकार होगा. लेकिन कोई मांग नहीं रखी है.’’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से किए गए हमले पर पायलट ने कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत आक्षेप और इस तरह का भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने इस आरोप को भी खारिज किया कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास किया.
पायलट ने कहा, ‘‘इन आरोपों का कोई आधार नहीं है. हकीकत यह है कि हमने पहले दिन कहा था कि हम कांग्रेस के साथ हैं. हम आज भी उस रुख पर कायम हैं.’’