नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. सलमान खुर्शीद ने कहा है कि दिल्ली से बाहर रह रहे लोग डर के साए में जी रहे हैं. खुर्शीद ने कहा कि मुझे लगता है कि दिल्ली के उन इलाकों में डर का कोई माहौल नहीं है जहां हम रहते हैं या काम करते हैं, लेकिन छोटे शहरों और गांवों में एक डर का एहसास है. इसे दूर करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है.
निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं- खुर्शीद
अपनी बुक “विजिबल मुस्लिम- इनविजिबल सिटिजन: अंडरस्टेंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी’ के विमोचन पर यहां रखे गए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है, लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं.
विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी- खुर्शीद
खुर्शीद ने कहा, “अगर एक लोकतंत्र में असहमति और मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए. असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है.” उन्होंने कहा, “एकरूपता को एकता के लिए अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है. हम पारंपरिक विचार में यकीन रखते हैं, आप में से भी कई रखते होंगे कि देश की एकजुटता के लिए विविधता अनिवार्य है.”
पुस्तक पर रखी गई समूह चर्चा में उनके साथ लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली भी मौजूद थे. ओवैसी ने भी कहा कि एक देश में समरूपता नहीं होनी चाहिए और उसकी विविधता का सम्मान होना चाहिए.
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कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद बोले- डर के साए में जी रहे हैं दिल्ली से बाहर रह रहे लोग
एबीपी न्यूज़
Updated at:
13 Jul 2019 10:18 AM (IST)
सलमान खुर्शीद ने कहा, “अगर एक लोकतंत्र में असहमति और मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए. असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है.''
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