नई दिल्लीसेना प्रमुख पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कह डाला. बाद में माफी भी मांग ली. बीजेपी और रक्षा विशेषज्ञों ने सेना के अपमान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने औऱ संदीप दीक्षित को कांग्रेस से बाहर करने की मांग की है.


क्या कहा था संदीप दीक्षित ने?


संदीप दीक्षित ने कहा, ‘’हमारी फौज जितनी सशक्त है और जिस तरह सीमाओं की सुरक्षा करती है और जब भी पाकिस्तान वहां हरकत करता है वो उसका जवाब देती है वो सबको मालूम है. ये दूसरी बात है कि आज के प्रधानमंत्री आज के लोग इस बात को ज्यादा जोर से चिल्लाते हैं. लेकिन हमारी सेना सशक्त है. हमने हमेशा सीमा पर पाकिस्तान को सशक्त जवाब दिया है. आज की बात नहीं ये पिछले 70 साल से चला आ रहा है. पाकिस्तान एक ही चीज कर सकता है कि जाकर इस तरह की हरकतें करे और ऊल जुलूल बयान दे. खराब तब लगता है जब हमारे भी थल सेनाध्यक्ष एक सड़क के गुंडे की तरह बयान देते हैं.’’


कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित सेना प्रमुख के बारे में कुछ ऐसी राय रखते हैं. उनसे पूछा गया था कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा एक महीने में तीन बार एलओसी का दौरा कर भारत को धमका दे रहे हैं, इस पर आपका क्या कहना है? इसके जवाब में संदीप दीक्षित के मुंह से कुछ ऐसे शब्द निकले.


बवाल मचता देख संदीप दीक्षित ने माफी भी मांग ली और कहा, ‘’जिस तरह की इस सेनाध्यक्ष ने भाषा पिछले कुछ समय में इस्तेमाल की है. मुझे एक व्यक्ति के रूप में लगता था कि ये उचित भाषा नहीं होती. हम अपनी फौज से अलग तरह से व्यवहार की उम्मीद रखते हैं. लेकिन मैं इस बात को अब ज्यादा नहीं खींचना चाहता. मुझे लगता है कि मैंने जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किए हैं वो शायद गलत हैं. इसलिए मैं उस के लिए माफी चाहता हूं. वो शब्द वापस भी लूंगा.’’


संदीप दीक्षित के बयान को लेकर कांग्रेस निशाने पर आ गई है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘’आखिर कांग्रेस के साथ क्या समस्या है? कांग्रेस ने सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कहने की हिम्मत कैसे की?’’


 


कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित को थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के कौन से खास बयान पर आपत्ति है ये तो उन्होंने नहीं बताया, लेकिन उनके बयान में जिस तरह से सेना के लिए असम्मान झलका उस पर बीजेपी और रक्षा विशेषज्ञ जमकर बरस रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने सदीप दीक्षित के बयान से किनारा कर लिया है.



संदीप दीक्षित ने अपने बयान पर भले माफी मांग ली हो लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसे बयानों से सेना का मनोबल नहीं गिरेगा? क्या ऐसे बयानों से जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को बल नहीं मिलेगा? सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर अपनी राजनीति चमकाने के लिए संदीप दीक्षित जैसे नेता सेना के नाम का इस्तेमाल क्यों करना चाहते हैं?