Sharad Pawar Remarks: 'उनका लॉजिक सही लेकिन ...', JPC को लेकर शरद पवार के रुख पर शशि थरूर का आया जवाब, जानें क्या कुछ कहा
Shashi Tharoor On Sharad Pawar Remarks: शशि थरूर ने शरद पवार के जेपीसी पर रुख को लेकर प्रतिक्रिया दी है. पवार ने अडानी मामले में जेपीसी के बजाय सुप्रीम कोर्ट की समिति को प्राथमिकता दी है.
Shashi Tharoor On Sharad Pawar Remarks Over JPC: कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के अडानी मामले में जेपीसी पर रुख को लेकर प्रतिक्रिया दी है. रविवार (9 अप्रैल) को शशि थरूर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान जेपीसी पर पवार के लॉजिक से सहमति जताई लेकिन अपना पक्ष भी रखा. उन्होंने कहा कि उनके लोग (कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां) कह रहे हैं कि जेपीसी उपयोगी साबित होगी.
शशि थरूर का पूरा बयान
शशि थरूर ने कहा, ''उनका (शरद पवार) लॉजिक तो हम समझ लेते हैं क्योंकि जेपीसी का नियम यह है कि जो रूलिंग पार्टी है, उनकी जो मेजॉरिटी है पार्लियामेंट में, वो भी कमेटी में जाएगी. जेपीसी में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग बीजेपी और एनडीए वाली पार्टी से होंगे. लेकिन फिर हम चाहते हैं कि जो विपक्ष की पार्टियां हैं वो सारे प्रश्न पूछ सकेंगी और जेपीसी के अधिकार से कोई जवाब भी मांग सकेंगे, कागजी भी मांग सकेंगे, फाइल्स भी देख सकेंगे.
इसलिए जेपीसी का जो अधिकार है, हमारे लोग कह रहे हैं कि ये उपयोगी होगा. अंत में आपको पता है कि अब तक सरकार (जेपीसी के लिए) तैयार नहीं है, लेकिन जो भी विषय पर पवार साब अलग बोल रहे हैं, आप ये भी बात भूल जाइए कि.. पार्लियामेंट में हमारे साथ वह (पवार) खड़े हैं. एनसीपी हमारे साथ आई थी जब संसद स्थगित हुई थी 6 तारीख को, हम लोग सभी 19-20 पार्टियां विजय चौक तक चले गए, एनसीपी हमारे साथ है.''
शरद पवार का वो बयान जिस पर मचा है बवाल
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार (7 अप्रैल) को एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान अडानी समूह का बचाव करते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च की प्रासंगिकता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया था. इसी के साथ उन्होंने कहा था, ''मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं हूं... कई बार जेपीसी गठित हुई है और मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं. जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा. जेपीसी के बजाय, मेरा विचार है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति ज्यादा उपयुक्त और प्रभावी होगी.''
पवार ने यह भी कहा था कि उन्हें ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है, जिसने गौतम अडानी की कंपनियों में शेयर और लेखांकन में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
पवार ने फिर किया अपना रुख साफ
इस बयान पर कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं आने के बाद शरद पवार ने एक बार फिर शनिवार (8 अप्रैल) को अपना रुख स्पष्ट किया था. पवार ने कहा कि उन्होंने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की एक समिति का समर्थन किया है.