नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचनाओं में किताब लिख चुके थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'शिवलिंग पर बैठा बिच्छू' बताया है. इससे पहले थरूर PM मोदी को घेरते हुए राम मंदिर, हिंदू पाकिस्तान पर बयान दे चुके हैं. जिसे भारतीय जनता पार्टी ने हाथों-हाथ लिया और पूरी पार्टी बैकफुट पर दिखी.
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री शशि थरूर ने कहा, "मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. जिसे आप हाथ से हटा नहीं सकते और चप्पल मार नहीं सकते." थरूर के इस बयान को बीजेपी ने हिंदू आस्था पर चोट जैसा बताया है.
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस सांसद ने भगवान शिव का अनादर किया है. उन्होंने कहा, "एक हत्याकांड में आरोपी थरूर ने भगवान शिव का अनादर करने की कोशिश की है. खुद को शिवभक्त बताने वाले राहुल गांधी से मैं जवाब चाहता हूं. राहुल गांधी को सभी हिंदू से माफी मांगना चाहिए."
थरूर ने इसके जवाब में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के नेता को जिक्र करते हुए कहा कि मैंने उनके ही बयानों को दुहराया है. थरूर ने कल ट्वीट कर कहा कि संघ के एक सदस्य को उद्धृत करते हुए मोदी के बारे में मेरी टिप्पणी पिछले छह साल से ही सार्वजनिक है. थरूर ने ट्वीट में कहा, "यह टिप्पणी पिछले छह साल से सार्वजनिक है. प्रसाद छह साल पुरानी टिप्पणी को मुद्दा बना रहे हैं."
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राम मंदिर
शशि थरूर ने इसी महीने राम मंदिर बनाने और बाबरी मस्जिद तोड़े जाने को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कोई भी अच्छा हिंदू ये नहीं चाहेगा कि एक धार्मिक स्थल को गिराकर राम मंदिर बने. थरूर के इस बयान पर भी खूब हंगामा हुआ. पार्टी ने दूरी बना ली. तब थरूर ने सफाई देते हुए कहा था कि मैं अपने राजनीतिक आकाओं की सेवा में लगी कुछ मीडिया द्वारा मेरे शब्दों को द्वेषपूर्ण रूप से तोड़-मरोड़कर पेश करने की निंदा करता हूं.
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थरूर ने आगे कहा, ''मैंने कहा था, अधिकतर हिंदू मंदिर चाहते हैं क्योंकि वे इसे राम का जन्मस्थान मानते हैं. लेकिन कोई भी अच्छा हिंदू नहीं चाहेगा कि किसी अन्य के पूजा स्थल को ध्वस्त कर इसका निर्माण किया जाए." उन्होंने कहा, "एक साहित्यिक महोत्सव में मेरे निजी विचार पूछे गए थे और मैंने वही दिए. मैं अपनी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं और न ही उसके लिए बोलने का दावा करता हूं."
हिंदू पाकिस्तान
इसी साल जुलाई में शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा था कि सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर वे इतने ही सीट के साथ दोबारा लोकसभा चुनाव जीत गए तो निश्चित ही हम अपने लोकतांत्रिक संविधान को जिस तरह हम समझते हैं, वह अस्तित्व में नहीं रह पाएगा क्योंकि उनके पास वे तीन स्तंभ होंगे जिससे वह भारत के संविधान को समाप्त कर नया संविधान लिख सकते हैं. उन्होंने कहा था, "नया संविधान हिंदू राष्ट्रों के सिद्धांतों को समाहित करेगा और अल्पसंख्यकों के लिए समानता को हटा दिया जाएगा, जो हिंदू पाकिस्तान का निर्माण करेगा."
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थरूर के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि हिंदू पाकिस्तान कहकर आपने भारतीय लोकतंत्र पर हमला किया है, कांग्रेस ने देश के हिंदुओं पर हमला किया है. यह निंदनीय है. मोदी से नफरत करने के दौरान यह कांग्रेस की फितरत हो गई है. उन लोगों ने सभी सीमाओं को पार कर दिया है और उन्होंने अब देश पर हमला करना शुरू कर दिया है.
कैटल क्लास
शशि थरूर अपनी ही सरकार को भी कई बार मुश्किल में डाल चुके हैं. साल 2009 में उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार से मंत्रियों से खर्चों में कटौती करने की अपील की थी. तब उन्होंने विदेश राज्य मंत्री के पद पर रहते हुए कहा था, ''किफायत बरतने के काम में वे अपने बाकी मंत्रियों के साथ मवेशी श्रेणी (कैटल क्लास) में यात्रा करने को तैयार हैं.''
विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई दी. थरूर ने ट्वीट में लिखा, ''यह एक अनावश्यक प्रयोग है लेकिन इकोनॉमी क्लास में सफर करने वालों के अनादर के लिए नहीं इस्तेमाल किया गया था. अर्थ सिर्फ उन विमान कंपनियों के लिए था, जो हमें मवेशियों की तरह अंदर धकेल देते हैं. लोग इसका गलत अर्थ निकाल रहे हैं."