Shashi Tharoor Attack On BJP: पिछले कुछ महीनों से भ्रष्टाचार के मामलों में कई विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई हो चुकी है. विपक्षी नेताओं पर इस तरह की कार्रवाई से विपक्ष एकजुट हो चुका है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विपक्ष पर केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जब किसी पार्टी का नेता भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद बीजेपी में शामिल हो जाता है तो उसके खिलाफ जांच बंद कर दी जाती है.
थरूर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उसे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने वाली वॉशिंग मशीन बताया. उन्होंने बीजेपी के कई नेताओं के नाम गिनाए, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने इस लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई अन्य नेताओं के नाम लिए. कांग्रेस नेता ने कहा, "बीजेपी में शामिल होने के बाद जांच की फाइल बंद कर दी जाती है."
नारायण राणे पर भी था भ्रष्टाचार का आरोप
महाराष्ट्र के जाने-माने नेता नारायण राणे पहले महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की स्थापना से पहले शिवसेना और और फिर कांग्रेस से जुड़े थे. उन पर एक बिल्डर कैलाश अग्रवाल, मालिक अविघ्न समूह के साथ 300 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा था. सन 2016 में बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने नारायण राणे की कई कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं के बारे में ईडी में शिकायत की थी. राणे ने 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और 2019 में बीजेपी में अपने बनाए संगठन महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का विलय कर लिया.
नारायण राणे की जांच आगे नहीं बढ़ी
किरीट सोमैया के आरोप को कोर्ट में आगे बढ़ाते हुए मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता केतन तिरोडकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट में नारायण राणे के खिलाफ एक आपराधिक याचिका दायर की लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ़ी. केतन तिरोडकर ने कोर्ट में अपनी याचिका में दावा किया है कि अविघ्न समूह के मालिक कैलाश अग्रवाल और नीलम होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच रोकने का निर्देश केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ई़डी को दिया था.
जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
पिछले साल महाराष्ट्र में सत्ता पलट के दौरान शिवसेना के कई नेता एकनाथ शिंदे के साथ चले गए जिन पर भी ईडी जांच कर रही थी, हालांकि बाद में उन पर भी जांच रुक गई. शशि थरूर की तरह महाराष्ट्र में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप, कांग्रेस नेता नाना पटोले, शिवसेना उद्भव गुट सांसद मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा चुके हैं.
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