नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग के दौरान वॉकआउट को लेकर कांग्रेस नेता ने शिवसेना की खिंचाई की
एनसीपी के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि अगर शिवसेना ने वोट किया भी होता तो उसके तीन वोटों से विपक्ष को कोई फायदा नहीं होता.
मुंबईः कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेता रत्नाकर महाजन ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर मतदान के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट को लेकर शिवसेना की खिंचाई की है. उन्होंने कहा कि क्या संजय राउत का विधेयक पर भाषण इस मुद्दे पर शिवसेना के भ्रम का संकेत है या सभी विकल्पों को खुला रखने का विचार है? स्पष्टीकरण के नाम पर कार्यवाही का बहिष्कार करने का उनका कदम बचाव लायक नहीं है.
महाजन ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, “दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण... क्या संजय राउत का विधेयक पर भाषण इस मुद्दे पर शिवसेना के भ्रम का संकेत है या सभी विकल्पों को खुला रखने का विचार है? स्पष्टीकरण के नाम पर कार्यवाही का बहिष्कार करने का उनका कदम बचाव लायक नहीं है और यह मानना बेवकूफी होगी कि उसे नहीं समझ आया कि बहिष्कार करने से सत्तारूढ़ पार्टी को मदद मिलेगी.”
हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की अन्य साझेदार एनसीपी ने कहा कि वोटिंग का बहिष्कार करके शिवसेना ने यह संदेश दिया कि वह प्रस्तावित कानून के विवादास्पद पहलुओं पर बीजेपी जैसे विचार नहीं रखती है.
हालांकि एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, “उनके (शिवसेना) वॉकआउट का मतलब था कि वह विधेयक के मुद्दे पर बीजेपी जैसे विचार नहीं रखते हैं.” अन्य एनसीपी नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि अगर शिवसेना ने वोट किया भी होता तो उसके तीन वोटों से विपक्ष को कोई फायदा नहीं होता.
बता दें कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में 125 मत और विरोध में 105 मत पड़े. शिवसेना ने कुछ मुद्दों पर सफाई मांगते हुए राज्सभआ से वॉकआउट किया था.
राज्यसभा से भी पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल, पक्ष में 125 वोट तो विपक्ष में पड़े 105 वोट
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