नई दिल्लीः दिल्ली में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बावजूद उचित इंतजाम करने में दिल्ली और केंद्र सरकार को नाकाम ठहराते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से दखल देने की मांग की है. माकन ने आयोग से मांग की है कि वो दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि कोरोना से संक्रमित हर जरूरतमंद को अस्पताल में बिस्तर मिले और इसके मद्देनजर दिल्ली के सभी अस्पतालों में कम से कम 70 फीसदी बिस्तर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित हो.


माकन ने शिकायत की है कि एक तरफ अस्पतालों में कोरोना के बेड खाली हैं वहीं मरीजों को अस्पताल में दाखिले के लिए भटकना पड़ रहा है. माकन के मुताबिक दिल्ली में सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर लगभग 57 हजार बेड हैं और इनमें से 70 प्रतिशत कोरोना के लिए आरक्षित करने के बाद कोरोना मरीजों के लिए लगभग 40 हजार बेड उपलब्ध हो सकते हैं. फिलहाल दिल्ली सरकार के 38 अस्पतालों में से 33 में कोरोना का इलाज नहीं किया जा रहा.


वहीं जुलाई के अंत तक दिल्ली में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा साढ़े पांच लाख तक पहुंचने के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान पर माकन ने कहा है कि इसके लिए दिल्ली सरकार खुद जिम्मेदार है. जब कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था तो सरकार ने दिल्ली को क्यों खोला? शराब के ठेके क्यों खोले? माकन ने कहा कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है. उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि सरकार की नींद आज खुली है. जो हालात बने हैं वह दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के निकम्मेपन की निशानी है.


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) एच एल दत्तू को लिखी चिट्ठी में अजय माकन ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मौजूदा संकट के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति दिल्ली सरकार की लापरवाही ने लोगों के जीने के अधिकार को गंभीर खतरे में डाल दिया है. माकन ने आम लोगों की जिंदगी की रक्षा के लिए आयोग से दखल देने की मांग की है.


आयोग को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस नेता माकन ने अस्पताल में बेड की उपलब्धता के साथ ही कोरोना टेस्टिंग का मुद्दा भी उठाया और युद्ध स्तर पर टेस्टिंग करवाए जाने की मांग की है. माकन ने आंकड़ों के हवाले से सवाल उठाया है कि ताजा हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली में एक दिन में मात्र 3700 टेस्ट करवाए गए जबकि 29 मई को 7649 टेस्ट हुए थे. माकन ने सवाल उठाया कि टेस्टिंग की संख्या क्यों घटाई गई है जबकि दिल्ली में पॉजिटिव टेस्ट अनुपात 27 प्रति 100 टेस्ट पर पहुंच गया है.


माकन ने मांग की है कि आयोग दिल्ली सरकार को डॉक्टर महेश वर्मा कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने के निर्देश दे जिसमें कहा गया कि मध्य जुलाई तक दिल्ली में 42 हजार बेड की जरूरत होगी जिनमें से 20 प्रतिशत बेड वेंटिलेटर की सुविधा से लैस हों. यानी लगभग 10 हजार वेंटिलेटर की जरूरत है जिसकी मौजूदा उपलब्धता बेहद कम है. आयोग को लिखी चिट्ठी में मकान ने कन्टेन्टमेंट जोन को लेकर दिल्ली सरकार की नीति को लेकर सवाल उठाए गए हैं साथ ही अंतिम संस्कार में हो रही कई दिनों की देरी का मुद्दा भी उठाया है और आयोग से दखल देने की मांग की है.


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