नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी की अंदरूनी कलह अब दिखने लगी है. कलह जमीन पर तब दिख गया जब सोमवार को पार्टी के एक वरिष्ठ नेता पुरुषोत्तम गोयल ने मांग कर दी की शीला दीक्षित को उनके पद से हटाया जाए. शीला दीक्षित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पुरुषोत्तम गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी की करारी शिकस्त मिली है इस कारण उन्हें पद से हटाया जाए.


पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी में दिल्ली मेट्रोपोलिटन काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष पुरुषोत्तम गोयल ने शीला दीक्षित को हटाने की मांग की और अगले साल शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव ‘किसी नए चेहरे’ के साथ लड़ने का सुझाव दिया. हालांकि मेट्रोपोलिटन काउंसिल अब अस्तित्व में नहीं है.


पीसी चाको को भी बदलने की उठी थी मांग


पुरुषोत्तम गोयल के बयान को लेकर शीला दीक्षित ने कहा, ‘‘ठीक है. यह उनकी राय है.’’ गोयल के पत्र से पहले, कांग्रेस नेता रोहित मनचन्दा ने दिल्ली इकाई के ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रभारी पीसी चाको को बदलने की मांग की थी.


गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर दीक्षित और पीसी चाको में गंभीर मतभेद थे. शीला दीक्षित गठबंधन के खिलाफ थीं तो पीसी चाको चाहते थे कि गठजोड़ हो जाए. आखिरकार दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे.


गोयल ने कपिल सिब्बल को बताया CM चेहरा


गोयल ने कहा, ‘‘शीला दीक्षित तीन लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हारी हैं. इस बार वह पार्टी की हार की जिम्मेदारी से बच नहीं सकती हैं. वह अपनी उम्र की वजह से जमीन पर सक्रिय नहीं हो सकीं और पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सकीं. वह विधानसभा चुनावों में एक आपदा साबित होंगी.’’


अपने पत्र में गोयल ने कपिल सिब्बल या योगानंद शास्त्री की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में कांग्रेस इन दोनों में से किसी नेताओं को चेहरा बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए.


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