नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली 370 पर ऐतिहासिक फैसला लिया. सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने वाला संकल्प राज्यसभा में पेश किया. राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी संकल्प को ध्वनि मत से मंजूरी दी. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल भी राज्यसभा में मोदी सरकार ने पास करा लिया.


केंद्र सरकार के इस फैसले की जहां एक तरफ तारीफ हो रही है तो वहीं कांग्रेस पार्टी इसपर सहमति और असहमति को लेकर दो हिस्सों में बंटी हुई दिख रही है. पार्टी के कुछ नेता इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ नेताओं ने इसे लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया है.


हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर सीनियर कांग्रेसी जनार्दन द्विवेदी तक कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है. वहीं पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने इसे लोकतंत्र की हत्या करारा दिया. उन्होंने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध किया लेकिन पार्टी ही कई अन्य नेताओं ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया जिससे साफ तौर पर कांग्रेस में फूट देखा जा सकता है.


कांग्रेस ने राज्यसभा में कहा


राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी ने राज्यसभा में कहा,''बीजेपी की सरकार ने देश का सिर काट लिया है और यह भारत के साथ गद्दारी है.'' उन्होंने आगे कहा, '' सरकार ने चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे संवेदनशील राज्य के साथ खिलवाड़ किया है जिसका उनकी पार्टी और दूसरे विपक्षी दल पुरजोर विरोध करेंगे.जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्य में वहां की जनता को साथ लिए बिना सिर्फ सेना की बदौलत दुश्मन से नहीं लड़ा जा सकता.''


किन नेताओं ने क्या कहा


दीपेंद्र हुड्डा


हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा, ''मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो.''


मिलिंद देवड़ा


मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा, ''दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है. पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए. उनके अलावा जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि राम मनोहर लोहिया भी इसके समर्थन थे. द्विवेदी ने कहा, ‘मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे. हम लोग छात्र आंदोलन में इसका विरोध किया करते थे. जहां तक मेरा व्यक्तिगत विचार है तो उसके हिसाब से यह एक राष्ट्रीय संतोष की बात है.''


जनार्दन द्विवेदी

पार्टी के कदम से अलग रुख अपनाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने अनुच्छेद-370 को खत्म किए जाने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इतिहास में की गई गलती को सुधारा गया है. केंद्र द्वारा लिए गए इस फैसले से देश को फील गुड होगा.


कांग्रेस सांसद ने दिया इस्तीफा


कांग्रेस के असम से पार्टी के राज्यसभा सांसद भुबनेश्वर कलिता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. उन्होंने इस्तीफे के बाद कहा कि पार्टी ने उन्हें व्हिप जारी करने को कहा था लेकिन सच्चाई यह है कि देश का मिज़ाज बदल चुका है.


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