Congress President Election 2022: कांग्रेस पार्टी में अगले महीने अध्यक्ष पद का चुनाव होना है. कई राज्यों के नेता राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के नाम पर अपना समर्थन दे चुके हैं. अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर का नाम भी चर्चा में आया है, जिससे बाद केरल में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को इसे तिरुवनंतपुरम के सांसद का निजी फैसला करार दिया है.
केरल के नेताओं ने क्या कहा
पार्टी के एक और नेता ने कहा कि राज्य इकाई केवल उसे ही वोट देगी जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो. कांग्रेस पार्टी के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश और के. मुरलीधरन ने थरूर के चुनाव लड़ने के संकेत देने के बाद यहां ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से इतर अपनी नाखुशी जाहिर की है. दोनों सांसदों ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की राज्य इकाई चाहती है कि राहुल गांधी पार्टी के शीर्ष पद को स्वीकार करें.
ये थरूर का निजी फैसला
सुरेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति को पदासीन किया जाना चाहिए, जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में हो और पार्टी के अधिकतर नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्य हो. यही केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और हम सबकी इच्छा है.’’ सात बार के लोकसभा सांसद रहे सुरेश ने कहा कि जहां तक थरूर की उम्मीदवारी की बात है तो यह निर्णय उनके द्वारा लिया गया है.
सबकी पसंद से बने अध्यक्ष
सुरेश ने कहा कि इस संबंध में पार्टी स्तर पर कोई विचार-विमर्श किया गया है या नहीं इसकी कोई जानकारी अभी नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में थरूर की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश ने कहा कि जहां तक पार्टी की बात है, तो ऐसे व्यक्ति को चुनने की परंपरा रही है, जो पार्टी में अधिकतर नेताओं और कार्यकर्ताओं की पसंद हो, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘‘मुझे लगता है कि थरूर के चुनाव लड़ने से पार्टी में कोई संकट नहीं आएगा.’’
नेहरू-गांधी परिवार के महत्व को स्वीकार्यता
इस बीच, पार्टी के लोकसभा सदस्य के. मुरलीधरन ने कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि उसी व्यक्ति को अपना वोट देंगे जो नेहरू-गांधी परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो. उन्होंने यह इच्छा भी जताई कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करना सभी के लिए चिंता का विषय है. मुरलीधरन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी के अध्यक्ष पद ग्रहण करने से किसी कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इस पद को स्वीकार करना या नहीं करना, पूरी तरह उन्हीं पर निर्भर करता है.’’
22 साल बाद बने ऐसे हालात
लोकसभा सांसद के. मुरलीधरन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव की तस्वीर अब 30 सितंबर को नामांकन की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही साफ हो पाएगी. इसके अगले दिन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ केरल की सीमा को पार कर कर्नाटक में प्रवेश कर जाएगी. मुरलीधरन ने कहा, ‘‘वैसे भी, हम केवल उन्हें चुनेंगे जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करते हैं.’’ गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद ऐसा मुकाबला देखने को मिलेगा.
सोनिया गांधी से मिले थे थरूर
सोमवार को वरिष्ठ नेता शशि थरूर के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताने के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने के संकेत मिल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, थरूर ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा को जाहिर किया था, जिस पर सोनिया ने कहा कि मेरी भूमिका तटस्थ रहेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर तय की गई है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें -
ये भी पढ़ें -