Congress Reaction On Ghulam Nabi Azad Resignation: वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी के भीतर बैठकों का दौर जारी है. आजाद का इस तरह से पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भेजे अपने त्यागपत्र में अपनी नाराजगी भी जाहिर की है.
बता दें कि आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वह काफी लंबे समय से कांग्रेस की नीतियों से नाराज चल रहे थे. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पेजों के त्यागपत्र में कहा कि वह भारी मन से यह कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ों यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकाली जानी चाहिए थी.
गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा दुख की बातः अजय माकन
आजाद के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस के भीतर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है. कुछ लोग आजाद के बीजेपी (BJP) में शामिल होने का भी दावा कर रहे हैं. इन सब के बीच कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Makan) ने कहा कि पहले हम शराब नीति और दिल्ली सरकार पर पीसी करनी थी, लेकिन उसे पहले आजाद साहब की चिट्ठी और इस्तीफे की खबर देखी. उन्होंने कहा आजाद साहब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और कई पदों पर रहे, लेकिन दुख की बात है कि जब सोनिया और राहुल गांधी संगठन, महंगाई और ध्रुवीकरण पर लड़ाई लड़ रहे है. ऐसे समय पर छोड़ने का आजाद साहब ने फैसला किया है ये दुख की बात है.
आजाद की चिट्ठी दुर्भाग्यपूर्णः जयराम रमेश
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने चिट्ठी पढ़ी है आजाद साहब की, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. तब जब कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बीजेपी से लड़ रहे हैं. महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ पूरी पार्टी इसकी तैयारी कर रही थी.
पार्टी ने इसे लेकर 22 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला किया था और भारत जोड़ो यात्रा होनी थी. ऐसे समय जब हर कांग्रेस कार्यकर्ता इसे सफल बनाने में जुटा है, राहुल गांधी के साथ है तो ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें ये चिट्ठी पढ़नी पढ़ रही, जिसे मीडिया में रिलीज किया गया है.
आजाद की चिट्ठी पढ़ने से विश्वासघात का भाव आता हैः संदीप दीक्षित
आजाद के कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र देने पर पूर्व सासंद संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने उन्हें पत्र लिखकर कहा कि उनका ‘‘आपका पत्र पढ़ने के बाद हताशा और दुर्भाग्यवश विश्वासघात का भाव देता है.’’ उन्होंने ‘जी 23’ के अतीत के कदमों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमने पार्टी के भीतर सुधार का बैनर उठाया था, विद्रोह का नहीं.’’
दीक्षित ने पत्र में लिखा कि पार्टी छोड़ने से दुर्भाग्यवश उन नीतियों, व्यवस्था और व्यक्तियों को मजबूती मिलेगी जिनके चलते हमने पार्टी के भीतर सुधार के लिए पत्र लिखा था. पूर्व सांसद ने कहा कि आजाद के बिना कांग्रेस और कमजोर होगी, लेकिन आज त्यागपत्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद वह नहीं हैं जिन्होंने कभी ‘जी 23’ का पत्र लिखा था.
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