नई दिल्ली: कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के कुल 22 दलों ने कोरोना महामारी के मोर्चे पर मोदी सरकार को विफल करार देते हुए सरकार से मांग की है कि इनकम टैक्स के बाहर हर परिवार को छह महीने तक 7500 रुपए प्रति माह दिए जाएं. चार घन्टे तक चली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई विपक्ष की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, डीएमके नेता स्टैलिन, जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी आदि जैसे बड़े चेहरे शामिल हुए. विपक्ष ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के इंतजाम करने समेत 11 मांगे सरकार के सामने रखीं हैं.

विपक्षी दलों की ग्यारह मांगों को साझा करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "करोड़ों लोग कोरोना महामारी के साथ-साथ आर्थिक महामारी का शिकार हुए हैं. देश की अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है. प्रवासी मजदूरों को सरकार ने अपने हाल पर बेहाल छोड़ दिया है. पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर एक तरह से ग्रहण लगा दिया गया है और सरकार अपनी जिम्मेदारी न समझ पा रही है और न उसका क्रियान्वयन कर रही है." रणदीप ने कहा कि देश की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले 22 राजनीतिक दलों ने काफी सोच विचार कर सरकार के सामने ग्यारह मांगे रखीं है जिसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए.


विपक्षी दलों की ग्यारह मांगे इस प्रकार हैं....


1. इनकम टैक्स के बाहर हर परिवार के खाते में छह महीने तक प्रति माह 7,500 रुपए जमा किए जाएं जिसमें से दस हजार की मदद तत्काल की जाए.


2. अगले छह महीने तक हर जरूरमंद को मुफ्त प्रति महीने दस किलो अनाज दिया जाए और मनरेगा कर तहत काम के दिन 200 किए जाएं.


3. सरकार प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अपने घर पहुंचाए. साथ ही विदेश में फंसे भारतीयों की घर वापसी की व्यवस्था भी की जाए.


4 . कोरोना के संक्रमण, टेस्टिंग, स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी वास्तविक जानकारी मुहैया की जाए.


5. श्रम कानून को कमजोर करने के लिए हुए बदलाव वापस लिए जाएं.


6. रबी की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तत्काल खरीदी जाए और फसल को मंडी तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. खरीफ फसल के लिए बीज,खाद आदि की खरीद में मदद की जाए.


7. महामारी से सीधी लड़ाई लड़ रहे राज्य सरकारों को पर्याप्त फंड दिए जाएं.


8. सरकार साफ तौर पर लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति बताए.


9. संसद और संसदीय कमिटियों की कार्यवाही को फिर से बहाल किया जाए.


10. केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज ने देश को भ्रमित किया इसलिए अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए सरकार संशोधित और विस्तृत पैकेज का एलान करे और स्पष्ट आर्थिक नीति लेकर आए.


11. अंतराष्ट्रीय/घरेलू उड़ानों को शुरू करने से पहले राज्य सरकारों से सलाह लें.


इससे पहले विपक्ष की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार द्वारा एलान किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को क्रूर मजाक करार दिया. सोनिया ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले ही सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था खराब थी. आर्थिक विशेषज्ञों के हवाले से सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में विकास दर -5% रहने का अनुमान है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये चिंताजनक है कि सरकार के पास कोई समाधान नहीं है. बैठक में राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, ममता बनर्जी आदि नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए.



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