कोलकाताः पश्चिम बंगाल कांग्रेस और वामपंथी मोर्चे (लेफ्ट) ने बुधवार को तय किया कि दोनों मिल कर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएंगे और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उसी के आधार पर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ संयुक्त रूप से मुकाबला करेंगे.
पेट्रोल-डीजल के मुद्दे पर संयुक्त रैली
पिछले साल लोकसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस और लेफ्ट ने बंगाल में आपस में गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
विधानसभा चुनाव की रणनीति तय करने के लिए दोनों पार्टियों के बीच बुधवार 24 जून की शाम पहली बैठक हुई. बैठक एक घंटे से ज्यादा चली. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच सहमति बनी है कि वे डीजल-पेट्रोल की बढ़े मूल्यों को लेकर केन्द्र के खिलाफ 29 जून को एक संयुक्त रैली निकालेंगे.
बंगाल विधानसभा की 294 सीटों में से कांग्रेस के पास फिलहाल 25 सीटें हैं, जबकि लेफ्ट फ्रंट के पास सिर्फ 23 सीटें हैं. वहीं बीजेपी के हिस्से में 16 सीटें हैं.
पहले भी साथ आए कांग्रेस-लेफ्ट
ये पहला मौका नहीं होगा जब कांग्रेस और लेफ्ट एक साथ आएंगे. इससे पहले पिछले साल राज्य में हुए उपचुनाव के दौरान भी दोनों साथ आए थे. वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने गठबंधन का प्रयास किया था, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली थी.
पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. राज्य में लगातार दो बार सत्ता में आ चुकी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी एक बार फिर सत्ता में वापसी का प्रयास करेगी.
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