तेलंगाना: कांग्रेस ने राज्य विधान परिषद में मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा गवांया
तेलंगाना में 40 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस के कुल छह सदस्य थे. तेलंगाना में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने के लिए सदन की कुल क्षमता का 10वां हिस्सा होना जरूरी है.
हैदराबाद: तेलंगाना विधान परिषद में कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी पार्टी बनने से पहले ही यह तमगा गवां दिया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सदन में पार्टी के चार सदस्यों ने सत्तारूढ़ टीआरएस का दामन थाम लिया है. कांग्रेस के चार एमएलसी शुक्रवार को दल-बदल कर टीआरएस में शामिल हो गए और सदन के सभापति ने फौरन उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य के तौर पर मान्यता दे दी.
तेलंगाना में 40 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस के कुल छह सदस्य थे. अगर विधानमंडल में पार्टी के दो तिहाई सदस्य दल बदल करते हैं तो उन पर दल बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है.
आपको बता दें कि तेलंगाना में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने के लिए सदन की कुल क्षमता का 10वां हिस्सा होना जरूरी है. अधिसूचना में कहा गया है कि तेलंगाना विधान परिषद के अध्यक्ष ने सदन में मोहम्मद अली शब्बीर को मिला विपक्ष के नेता का दर्जा खत्म कर दिया है. यह आदेश 22 दिसंबर से प्रभावी हो गया है.
इस बीच, टीआरस एमएलसी कोंडा मुरली ने कहा कि उन्होंने सभापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मुरली की पत्नी ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थीं. यह दंपति चुनाव से पहले टीआरएस छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गया था.
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