Electoral Bonds: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी का खुलासा करने के लिए दी गई समयसीमा को बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है. इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार (5 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि मोदी सरकार देश के सबसे बड़े बैंक का इस्तेमाल अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए ढाल के तौर पर कर रही है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ब्लैक मनी को इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर सफेद करने की स्कीम को खत्म किया है. अब अदालत ने बीजेपी को पैसा देने वाले लोगों की जानकारी मांगी है, तो पार्टी चाहती है कि ऐसा लोकसभा चुनाव के बाद किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था. शीर्ष अदालत की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा था कि एसबीआई को डोनर्स यानी दानदातओं की डिटेल्स देने होंगी.
'एसबीआई को ढाल बना रही सरकार'
कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'मोदी सरकार चुनावी बॉन्ड के जरिए अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए हमारे देश के सबसे बड़े बैंक को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड की 'ब्लैक बनी कंवर्जन' स्कीम को असंवैधानिक, आरटीआई का उल्लंघन करने वाला और अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था.'
फर्जी योजना की मुख्य लाभार्थी है बीजेपी: खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, 'एसबीआई को 6 मार्च तक डोनर्स की डिटेल्स देने को कहा गया था. लेकिन बीजेपी चाहती है कि ऐसा लोकसभा चुनाव के बाद हो. इस लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है और एसबीआई इस डाटा को 30 जून तक शेयर करना चाहती है.' उन्होंने आगे कहा, 'बीजेपी इस फर्जी योजना की मुख्य लाभार्थी बनी है.'
खरगे ने सरकार से पूछे दो सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से दो सवाल भी किए हैं. साथ ही बताया है कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही कहती आ रही है कि इलेक्टोरल बॉन्ड अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक है. खरगे ने सवाल किया, 'क्या मोदी सरकार बीजेपी के संदिग्ध सौदों को नहीं छिपा रही है, जहां इन अपारदर्शी इलेक्टोरल बॉन्ड के बदले हाइवे, बंदरगाहों, एयरपोर्ट, पावर प्लांट्स आदि के कॉन्ट्रैक्ट मोदी जी के करीबियों को सौंपे गए?'
मल्लिकार्जुन खरगे ने दूसरा सवाल किया, 'एक्सपर्ट्स का कहना है कि डोनर्स की 44,434 ऑटोमेटेड डाटा एंट्री को केवल 24 घंटों में सामने लाया जा सकता है, फिर इस जानकारी को इकट्ठा करने के लिए एसबीआई को 4 महीने और क्यों चाहिए?' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी बिल्कुल स्पष्ट थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना अपारदर्शी, अलोकतांत्रिक और एक समान मौका देने को बर्बाद करने वाली रही है.'
देश के हर संस्थान को पहुंचाया गया नुकसान: कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने हर संस्थान को नुकसान पहुंचाया है, फिर वो आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद या फिर विपक्ष ही क्यों न हो, ताकि बीजेपी का खजाना भरा जा सके. उन्होंने कहा कि अब हताश मोदी सरकार, तिनके का सहारा लेकर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विफल करने के लिए एसबीआई का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है.
यह भी पढ़ें: SBI ने चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक मांगा समय, सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च की दी थी डेडलाइन