'कान खोलकर समझ लें, वो हमारे भगवान, मांगें माफी', अमित शाह के बाबा साहेब आंबेडकर वाले कमेंट पर खरगे हुए फायर
Kharge on Amit Shah: खरगे ने कहा कि संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे. बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर जी ने ये नहीं होने दिया, इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है.
Mallikarjun Kharge Attack Amit Shah: संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी के बाद कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गई है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अमित शाह पर जमकर हमला बोला है और उनसे माफी की मांग की है. कांग्रेस का कहना है कि अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान किया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, अमित शाह अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें. बाबा साहब भगवान से कम नहीं हैं. वह दलितों, आदिवासियों के मसीहा थे. उनकी इस टिप्पणी से साबित हुआ है कि बीजेपी तिरंगे के खिलाफ थी.
'फिर सिद्ध हुआ कि ये लोग तिरंगे के खिलाफ थे'
मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, गृहमंत्री अमित शाह ने जो आज (17 दिसंबर 2024) भरे सदन में बाबा साहेब का अपमान किया है, उससे यह एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि बीजेपी और आरएसएस तिरंगे खिलाफ थे. उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया.”
'मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए आंबेडकर भगवान'
मल्लिकार्जुन खरगे यहीं नहीं रुके. उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा है, “संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे. बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर जी ने ये नहीं होने दिया, इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है. मोदी सरकार के मंत्रीगण ये कान खोलकर समझ लें कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर जी भगवान से कम नहीं हैं. वह दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक व ग़रीबों के मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे.”
क्या कहा था अमित शाह ने?
दरअसल, राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान मंगलवार (17 दिसंबर 2024) को अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था, "अभी यह एक फैशन हो गया है अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर, इतना नाम अगर इतना नाम भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता’. इस बयान पर राहुल गांधी ने भी गृह मंत्री पर हमला बोला है. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा है, मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ बेशक होगी ही.
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