Rahul Gandhi on Rajasthan: राजस्थान में सत्ता को लेकर घमासान मचा हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहरा गया है. जयपुर में रविवार शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस में बगावत की स्थिति बन गई. बताया जा रहा है कि गहलोत के समर्थक विधायक सचिन पायलट को सीएम बनाने की बात से सहमत नहीं है. अध्यक्ष पद के लिए चुनावी हलचल के बीच राजस्थान की सियासत में इस घटना से पार्टी की किरकिरी हो रही है.
कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने राजस्थान में हो रही सियासी घटना पर चिंता जताई है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) के अलावा राशिद अल्वी ने राजस्थान की सियासी घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है
मार्गरेट अल्वा ने क्या कहा?
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा ट्वीट किया, ''राजस्थान में हो रही घटनाएं बेहद निराशाजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और अनावश्यक हैं. राज्य के वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं का त्याग करने और राहुल गांधी से प्रेरणा लेने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसने दिखाया है कि कांग्रेस को अभी जिस चीज की सबसे अधिक जरूरत है, वह है निस्वार्थ सेवा.
राशिद अल्वी क्या बोले?
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी राजस्थान में सियासी उठापटक को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की स्थिति बहुत चिंताजनक है. विधायक जो चाहते हैं, वही, आलाकामन को करना चाहिए. कांग्रेस की 2 ही राज्य में सरकार है. अशोक गहलोत राजस्थान के मजबूत नेता हैं.
'वफादारों का ख्याल रखे कांग्रेस'
उधर, राजस्थान के मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर सभी विधायकों को भरोसा है. हमने अपनी बात रखी है और उम्मीद है कि आलाकमान अंतिम फैसला लेते वक्त हमारी मांगों पर विचार करेगा. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि उन लोगों का ध्यान रखा जाए, जो पार्टी के लिए वफादार रहे हैं.
गहलोत की मंशा क्या?
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. पहले वो सीएम के साथ ही अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहते थे, लेकिन पिछले दिनों राहुल गांधी ने केरल में जब ये साफ कर दिया था कि कांग्रेस 'एक व्यक्ति एक पद' पर भरोसा करती है, जिसके बाद गहलोत की जगह सचिन पायलट को सीएम बनाने की अटकलें तेज थी. अध्यक्ष बनने की स्थिति में गहलोत अपने गुट के किसी नेता को सीएम प्रोजेक्ट करना चाहते थे और अब उनके समर्थक विधायकों के रूख से पार्टी आलाकमान के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं.
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