नई दिल्ली: भले ही कांग्रेस राहुल गांधी को अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बता चुकी है लेकिन 2019 में नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए वो विपक्ष के किसी भी नेता को प्रधानमंत्री बनाने में मदद कर सकती है जिसके पीछे आरएसएस नहीं हो. कांग्रेस सूत्रों ने पार्टी की रणनीति का खुलासा किया कि क्या कांग्रेस ममता बनर्जी या मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का दांव चल सकती है. कांग्रेस पार्टी के उच्च सूत्र ने कहा कि बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए कोई भी नेता जिसके पीछे आरएसएस नहीं हो उसे प्रधानमंत्री बनाने में कांग्रेस को परहेज नहीं है.


सूत्रों की माने तो विपक्ष की तरफ से किसी महिला नेता को प्रधानमंत्री बनाने के कयास भी चल रहे हैं. जाहिर है फिलहाल ममता बनर्जी और मायावती के तौर पर दो ही महिला नेता इस रेस में मानी जा रही हैं. मायावती के साथ कांग्रेस के गठबंधन की बातचीत अंतिम चरण में है.


कांग्रेस सूत्र के मुताबिक पार्टी नेतृत्व को लगता है कि अगर बिहार और उत्तर प्रदेश में विपक्ष के महागठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया तो मोदी के लिए सत्ता में वापसी करना नामुमकिन हो जाएगा. इन दोनों राज्यों में लोकसभा की कुल 120 सीटें हैं. यानी लगभग 22 फीसदी.


चूंकि शिवसेना, तेलगु देशम पार्टी जैसे उसके सहयोगी उससे नाराज हैं ऐसे में बीजेपी को पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगी. नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने के लिए 280 सीटें जितनी होंगी जो कि नामुमकिन लगता है.


दिलचस्प ये है कि रविवार को हुई कांगेस कार्यसमिति की बैठक में नेताओं ने राहुल गांधी को विपक्ष के महागठबंधन के चेहरे के तौर पर पेश करने की मांग उठाई थी. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने साफ कहा कि राहुल ही कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. कर्नाटक में कांग्रेस की सहयोगी जेडीएस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी राहुल की उम्मीदवारी का ये कहते हुए समर्थन किया कि "उन्हें कोई आपत्ति नहीं है". लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने राहुल की उम्मीदवारी पर कहा कि ये चुनाव के बाद तय होगा. अब जिस तरह कांग्रेस की रणनिति सामने आई है उससे लगता है कि कांग्रेस 2019 में मोदी को वापसी का कोई मौका नहीं देना चाहती.